चित्तौड़गढ़, 20 फरवरी। जीवन में पुण्य खत्म हो गया तो सब कुछ खत्म हो गया।बलवान, बुद्धिमान,श्रीमान भी कहीं का नहीं रहता। इसलिए जीवन में पुण्य का बैलेंस बढ़ाते रहना चाहिए। पुण्य खत्म होने पर परेशानी पक्की है। ये विचार श्रमण संघीय सलाहकार पूज्य सुमतिप्रकाशजी म.सा. के सुशिष्य आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि डाॅ. समकितमुनिजी म.सा. ने
सोमवार रात गांधीनगर सेक्टर एक में महावीर पार्क के सामने गौतम, विनीत संदीप भड़कत्या के आवास के बाहर भड़कत्या परिवार द्वारा आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए।
पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने महाभारत के द्रोपदी अपमान प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि
द्रौपदी का पुण्य खत्म हुआ तो भरी सभा मे अपमान हुआ लेकिन उसके पांचों बलशाली पति, भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य जैसे महारथी भी कार्य नहीं आए जो यह कहते थे कि हमारे होते हुए कोई चिंता नहीं करनी है। जब पुण्य खत्म हुआ और आखिर में परमात्मा को याद किया तो काम उसका शील व सदाचार ही आए।
उन्होंने कहा कि पुण्य का बैलेंस है अपना भाई भी अपना है, लेकिन पुण्य जब ढलान पर हो,कमजोर हो रहा हो तो भाई के पास भी मत जाना वहां भी निराशा ही हाथ लगेगी। उस समय शांति से बैठ परमात्मा में स्मरण करना। मुनिश्री ने कहा कि दुनिया का दस्तूर है वह भरे पेट वाले को खिलाती है ओर खाली पेट वाले को खिलाने वाले कम ही होते हैं। जीवन में हमेशा अपनी सोच अच्छी रखें, घटिया सोच जीवन को भी घटिया बनाती है। सोच घटिया होने पर जीवन में सुख नहीं आ सकता। जिससे आप की नहीं बनती है उससे जब भी मिले जो मन में आए बोल ले लेकिन उसके बारे में न घटिया बोले, न घटिया सुने ओर न घटिया सोचे। पुण्य खोखला होता है तो कार्य कोई और करता है ओर श्रेय कोई और ले जाता है। पूज्य समकितमुनिजी ने कहा कि संकट में पुण्य को छोड़ कोई भी काम नहीं आता है। अच्छा कार्य शुभ अशुभ दोनों भाव से हो सकता है लेकिन शुभ भाव से होने पर यह पुण्य देगा। पुण्य मजबूत व शुद्ध भाव के साथ होता है तो पहलवान होता है। पुण्य पहलवान होने पर जिंदगी में कोई हरा नहीं पाएगा। जितना कर सकते हो करें लेकिन अच्छा कार्य करते समय भाव शुभ होना चाहिए और मुस्कान के साथ काम करें।रोते हुए मन से कार्य करेंगे तो पुण्य खोखला हो जाएगा। उन्होंने धर्मसभा के अंत में चित्तौड़ के सभी श्रावक- श्राविकाओ के प्रति मंगलकामना व्यक्त की। प्रवचन में गायनकुशल जयवंतमुनिजी म.सा. ने गीत मीठे मीठे गुरु के वचन होते हैं जिंदगी बदल जाती है की प्रस्तुति दी। प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. का भी सानिध्य रहा। धर्मसभा में स्वागत गीत भडकत्या परिवार की आशा, सीमा व अनिता भड़कत्या ने प्रस्तुत किया। संचालन मनसुखलालजी पटवारी ने किया। धर्मसभा में इस अवसर पर श्रीसंघ के अध्यक्ष अशोक मेहता, मंत्री सुनील बोहरा सहित कई पदाधिकारी व बड़ी संख्या में श्रावक, श्राविकाएं मौजूद थे। मंगलवार सुबह 7 बजे गांधीनगर से विहार कर उपनगर सेंती के शांतिभवन पहुचेगे जहां श्रीसंघ सेंती के तत्वावधान में सुबह 9 बजे से प्रवचन होंगे।
*दुर्ग से विहार कर पहुंचे गांधीनगर*
पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा सोमवार सुबह दुर्ग से विहार कर गांधीनगर में सेक्टर एक मे गौतम, विनीत,संदीप भडकत्या के आवास पर पहुंचे। यहां उनका दिनभर प्रवास रहा। दिन में कई श्रावक श्राविका दर्शनों के लिए पहुचे।
*प्रस्तावित विहार यात्रा कार्यक्रम*
तय कार्यक्रम के अनुसार मुनिश्री मंगलवार को चित्तौड़गढ़ के उपनगर सेंती पहुंच सुबह 9 बजे से शांतिभवन में प्रवचन देंगे। प्रवचन के बाद देवरी होते हुए उदयपुर की दिशा में विहार करेंगे। उनका 22 फरवरी भादसोड़ा पहुचने की भावना है।इसके बाद मंगलवाड़ चौराहा, मेनार, डबोक होते हुए उदयपुर शहर में प्रवेश 26 फरवरी को प्रस्तावित है। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा का होली चातुर्मास उदयपुर के श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान हिरणमगरी सेक्टर-4 में होगा। उदयपुर होली चातुर्मास के बाद मुनिश्री नासिक की ओर विहार करेंगे जहां उनके सानिध्य में 23 अप्रेल को अक्षय तृतीया पर वर्षीतप पारणा महोत्सव होंगा। उनका वर्ष 2023 का चातुर्मास पूना के आदिनाथ जैन स्थानक भवन के लिए घोषित है, जहां चातुर्मासिक मंगलप्रवेश 25 जून को संभावित है।
*निलेश कांठेड़*
मीडिया समन्वयक-समकित की यात्रा-2023