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चित्तौड़गढ़ (निलेश कांठेड़)। शक्तिमान होकर भी जो सेवक बन कर जीते हैं वह बहुत जल्दी सिद्ध होने के नजदीक पहुंचते हैं। कठिन होता है सामर्थ्य होते हुए भी सेवक बनकर जीना। हनुमानजी और गौतम स्वामी ऐसे ही सामर्थ्यवान सेवक रहे ओर मेवाड़ प्रवर्तक भोले बाबा पूज्य मदन मुनिजी म.सा. भी ऐसे ही महापुरुष थे जिन्होंने सेवा में जीवन समर्पित कर दिया। जो सेवा में जीवन समर्पित कर दें वह बहुत जल्दी संसार सागर के पार हो जाते हैं। ये विचार श्रमण संघीय सलाहकार पूज्य सुमतिप्रकाशजी म.सा. के सुशिष्य आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि डाॅ. समकितमुनिजी म.सा. ने
मंगलवार को सेंती में शांतिभवन में स्थानीय श्रीसंघ की ओर से पूज्य मदन मुनिजी म.सा.की 92वी जयंती के उपलक्ष्य आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने कहा कि मदन सौभाग्य की जोड़ी ऐसे गुरु भाई की रही जिसने जहां भी रहे रंग जमाया ओर मेवाड़ में धर्म की ज्योत को अखंड बनाने में योगदान किया।
गांवों को धर्म के साथ जोड़ने का प्रयास किया। मुनिश्री ने कहा कि पूज्य मदन मुनिजी म.सा. का जितने भी गुण गाए कम है। प्रतिपल ऐसे महापुरुष का नाम ले तो कम है। आप सौभाग्यशाली है की आपको उनका आशीर्वाद मिला। देवलोक से अपनी दया दृष्टि हम पर बनाए रखें ऐसी मंगल कामना करते हैं। पूज्य समकितमुनिजी ने कहा कि वर्ष 2021 में चित्तौड़ चतुर्मास के लिए प्रवेश भी सेंती से किया था ओर आज इस क्षेत्र से पूना चातुर्मास के लिए विहार भी सेंती से ही कर रहे है। उन्होंने पूज्य उप प्रवर्तक सुभाष मुनिजी म.सा. की सेहत के लिए भी मंगल कामना की। प्रवचन में साथ बिराजे पूज्य लोकेश मुनि जी का 22 फरवरी को दीक्षा दिवस होने से उनके प्रति भी मंगल कामना व्यक्त की। आध्यात्मिक क्षेत्र में दीक्षा दिवस से बड़ी उपलब्धि नहीं हो सकती है। उन्होंने धर्मसभा के अंत में चार दिन के प्रवास के दौरान चित्तौड़वासियो की सेवा भावना की सराहना करते हुए सभी श्रावक- श्राविकाओ के प्रति मंगलकामना व्यक्त की।
सेवा सुमेरु थे पूज्य मदन मुनिजी
प्रवचन में पूज्य लोकेश मुनि जी म.सा. ने कहा कि भोले बाबा मदन मुनि जी महारासा सहजता व सरलता की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने पूज्य मदन मुनि जी महाराज के साथ वर्ष 2013 में घासा चतुर्मास की यादों का स्मरण करते हुए कहा कि उन्हें सेवा सुमेरु कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। वह क्रोध मान का दमन कर वास्तव में मदन बने।वह हमारे दिल में बसे हैं। श्रमण संघ पर उनका दिव्य वरदहस्त सदा बना रहे
प्रवचन में गायनकुशल जयवंतमुनिजी म.सा. ने गीत ‘जिनवाणी सुनकर अंतरमन को खोलना’ की प्रस्तुति दी। प्रवचन में पूज्य जितेंद्र मुनिजी एवं प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. का भी सानिध्य रहा।
पूज्य लोकेशमुनिजी को आदर की चादर समर्पित
धर्म सभा में हर्ष-हर्ष के जयघोष के बीच सेंती श्रीसंघ के अध्यक्ष लक्ष्मीलाल चंडालिया के नेतृत्व में श्रीसंघ के पदाधिकारियों ने पूज्य लोकेश मुनिजी म.सा. की दीक्षा जयंती के उपलक्ष्य में उनको आदर की चादर समर्पित की एवं उनके धर्म को समर्पित संयम जीवन की लिए मंगल कामना व्यक्त की। धर्मसभा में स्वागत गीत सेंती महिला मंडल की सदस्यों ने प्रस्तुत किया। श्रीसंघ चित्तौड़ के उपाध्यक्ष अजित नाहर एवं वरिष्ठ सुश्रावक डॉ रतनलाल मारू ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन ऋषभ सुराणा ने किया। धर्मसभा में सेंती संघ के अध्यक्ष लक्ष्मीलाल चण्डालिया, श्रीसंघ चित्तौड़ के अध्यक्ष अशोक मेहता, सेंती महिला मण्डल की अध्यक्ष दिलखुश खेरोदिया, जैन दिवाकर महिला परिषद की अध्यक्ष अंगुरबाला भड़कत्या सहित कई पदाधिकारी व बड़ी संख्या में श्रावक, श्राविकाएं मौजूद थे।
सेंती में पूज्य लोकेश मुनिजी से हुआ मिलन
मंगलवार सुबह 7 बजे गांधीनगर में भड़कत्या निवास से विहार कर उपनगर सेंती पहुचे पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा का पूज्य लोकेश मुनिजी, पूज्य जितेंद्र मुनिजी से मंगल मिलन हुआ ओर परस्पर अभिवादन किया। शांतिभवन प्रवचन के लिए पहुचने से पूर्व कुछ देर सेंती दिवाकर भवन में ठहरे। यहां भी कई श्रावको ने उनके दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
सेंती से विहार कर पहुचे देवरी- पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा ने मंगलवार सुबह सेंती शांतिभवन में प्रवचन के तुरन्त बाद उदयपुर की दिशा में विहार कर दिया और देवरी गांव पहुचे। यहां दिन में उनका प्रवास रहा। तय कार्यक्रम के अनुसार उनका 22 फरवरी बुधवार को भादसोड़ा पहुचने की भावना है जहां उप प्रवर्तक पूज्य कोमलमुनिजी म.सा.आदि ठाणा से मंगल मिलन की सम्भावना है। इसके बाद 23 फरवरी को मंगलवाड़ चौराहा होते हुए मेनार, डबोक होते हुए उदयपुर शहर के लिए विहार करेगे। उदयपुर में प्रवेश 26 फरवरी को प्रस्तावित है। उनका होली चातुर्मास उदयपुर के श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान हिरणमगरी सेक्टर-4 में होगा। उदयपुर होली चातुर्मास के बाद मुनिश्री नासिक की ओर विहार करेंगे जहां उनके सानिध्य में 23 अप्रेल को अक्षय तृतीया पर वर्षीतप पारणा महोत्सव होंगा। उनका वर्ष 2023 का चातुर्मास पूना के आदिनाथ जैन स्थानक भवन के लिए घोषित है, जहां चातुर्मासिक मंगलप्रवेश 25 जून को संभावित है।
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