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पूज्य समकितमुनिजी एवं पूज्य कोमलमुनिजी म.सा. का भादसोड़ा में आध्यात्मिक मंगल मिलन

चित्तौड़गढ़ (निलेश कांठेड़)। मेवाड़ प्रवर्तक पूज्य मदनमुनिजी म.सा. को सेवा का महासागर कहे या करूणा की प्रतिमूर्ति वह ऐसे सहज सरल महापुरूष थे जो उनके पास एक बार दर्शन के लिए आया वह फिर उन्हें कभी नहीं भूला पाया। भक्तों के लिए वह भोले बाबा थे तो जिनशासन की सेवा के लिए अंतिम पलों तक समर्पित रहे। ऐसे महान संत के जितने गुण गाए उतने कम है। ये विचार बुधवार को चित्तौड़गढ़ जिले के भादसोड़ा कस्बे में स्थानीय श्रीसंघ के तत्वावधान में आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि डॉ. समकितमुनिजी म.सा. एवं पूज्य मेवाड़ उप प्रवर्तक श्रीकोमलमुनिजी म.सा. आदि ठाणा के सानिध्य में पूज्य मदनमुनिजी म.सा. की जयंति के उपलक्ष्य में आयोजित धर्मसभा में उभरकर आए।

भीलवाड़ा के शांतिभवन में एतिहासिक चातुर्मास सम्पन्न करने के बाद मेरठ पहुंच अब पूना चातुर्मास के लिए विहार यात्रा पर निकले पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा का भादसोड़ा में प्रवास कर रहे पूज्य कोमलमुनिजी म.सा. आदि ठाणा से आध्यात्मिक मंगलमय मिलन हुआ। पूज्य संतों ने एक-दूसरे का अभिवादन करने के साथ परस्पर कुशलक्षेम पूछी एवं मंगलभावनाएं व्यक्त की। पूज्य मदनमुनिजी म.सा. की जयंति पर भादसोड़ा श्रीसंघ द्वारा गुरू भगवंतों के पावन सानिध्य में सामूहिक एकासन एवं नवकार मंत्र जाप का आयोजन भी किया गया। धर्मसभा में पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने कहा कि मेवाड़ प्रवर्तक पूज्य मदनमुनिजी म.सा. ऐसे महापुरूष थे जिनके उपकार श्रमणसंघ सहित पूरा समाज कभी नहीं भूल पाएगा। उन्होंने गांव-गांव घूम जिनशासन से जुड़ने व सेवा की प्रेरणा लोगों को प्रदान की। कोमलमुनिजी म.सा. अब गुरूवर अंबेश, सौभाग्य व मदन के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने में समर्पित भाव से लगे है। पूज्य कोमलमुनिजी म.सा. ने कहा कि वह धन्य हुए जो पूज्य मदनमुनिजी म.सा. जैसे गुरूदेव की सेवा का सौभाग्य मिला। उनके पावन चरणों में रहकर धर्म ज्ञान सीखने का सुअवसर प्राप्त हुआ। ऐसी महान आत्मा सेवा व सरलता की प्रतिमूर्ति थे जिन्हें कभी नहीं भूला पाएंगे। उन्होंने पूज्य समकितमुनिजी म.सा. के आगमज्ञान एवं एतिहासिक भीलवाड़ा चातुर्मास की चर्चा करते हुए उनका भावपूर्ण अभिनंदन किया। पूज्य कोमलमुनिजी म.सा. ने भादसोड़ा श्रीसंघ के सदस्यों को रविवारीय सामायिक करने की प्रेरणा देते हुए संकल्प दिलाया। धर्मसभा में प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. गायनकुशल जयवंतमुनिजी म.सा. नवदीक्षित हर्षितमुनिजी म.सा. आदि का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। अतिथियों का स्वागत भादसोड़ा श्रीसंघ द्वारा किया गया। धर्मसभा का संचालन श्रीसंघ के मंत्री दिलीप पोखरना ने करते हुए गुरू भगवंतों का अभिवादन करते हुए गुरू गुणगान किया। धर्म सभा के अंत में प्रभावना श्रीसंघ एवं अनिल चण्डालिया परिवार द्वारा वितरित की गई। अतिथि सेवा महेन्द्र बोहरा परिवार द्वारा की गई।

देवरी से उग्र विहार कर पहुंचे भादसोड़ा

पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा बुधवार सुबह देवरी से करीब 25 किलोमीटर का विहार कर महावीर भवन भादसोड़ा पहुंचे। वहां पहुंचने से पहले आगे बढ़कर राजमार्ग पर पहुंचे पूज्य हर्षितमुनिजी म.सा. भादसोड़ा नवयुवक मंडल एवं विहार ग्रुप ने पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा की अगवानी की। नवदीक्षित हर्षितमुनिजी ने पूज्य समकितमुनिजी म.सा. की वंदना करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. एवं कोमलमुनिजी म.सा. के दर्शनों के लिए दिनभर विभिन्न स्थानों से श्रद्धालुओं का भादसोड़ा पहुंचने का सिलसिला बना रहा। पूज्य समकितमुनिजी का होली चातुर्मास उदयपुर हिरणमगरी सेक्टर 4 एवं पूज्य कोमलमुनिजी का होली चातुर्मास चित्तौड़गढ़ खातरमहल में होना है।

पूज्य समकितमुनिजी का प्रस्तावित विहार यात्रा कार्यक्रम

तय कार्यक्रम के अनुसार पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा 23 फरवरी गुरूवार सुबह भादसोड़ा से विहार कर मंगलवाड़ चौराहा पहुचेेंगे। यहां उनका दिनभर प्रवास रहेगा। इसके बाद मेनार, भटेवर क्षेत्र से विहार करते हुए 25 फरवरी सुबह डबोक पहुंच जाएंगे। उनका उदयपुर शहर में प्रवेश 26 फरवरी को संभावित है। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा होली चातुर्मास के लिए श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान हिरणमगरी सेक्टर.4 में एक मार्च को प्रवेश करेंगे। उदयपुर होली चातुर्मास के बाद मुनिश्री नासिक की ओर विहार करेंगे जहां उनके सानिध्य में 23 अप्रेल को अक्षय तृतीया पर वर्षीतप पारणा महोत्सव होंगा। उनका वर्ष 2023 का चातुर्मास पूना के आदिनाथ जैन स्थानक भवन के लिए घोषित हैए जहां चातुर्मासिक मंगलप्रवेश 25 जून को संभावित है।

RISHABH JAIN
Author: RISHABH JAIN

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