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लोकार्पण पश्चात् अतिथियों ने नई इलेक्ट्रिक बोट में पीछोला झील का एक राउंड लिया और पाया कि यह पेट्रोल-डीजल बोट्स की तुलना में यह अत्यधिक आरामदायक, कम शोर करने वाली एवं प्रदूषण रहित है। लोकार्पण से पहले अतिथियों का परंपरागत तरीके से स्वागत सत्कार किया गया एवं पर्यावरण व झील हित में इनके द्वारा किए जा रहे नवाचारों की जानकारी भी दी। सम्भागीय आयुक्त और कलेक्टर ने इलेक्ट्रिक बोट संचालन की इस पहल की सराहना की। इस दौरान आरटीओ आर एल बामनिया, संयुक्त निदेशक (जनसम्पर्क) डॉ. कमलेश शर्मा, डीटीओ डॉ. कल्पना शर्मा, लीला पैलेस के जनरल मेनेजर निशांत अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।
झीलों से ही पर्यटन आबाद, इनकी सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी: संभागीय आयुक्त
इस मौके पर सम्भागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट ने कहा कि झीलों से ही हमारा पर्यटन आबाद है, इनकी सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। झीलों को सुरक्षित रखने की दिशा में सभी संस्थाओं एवं इनसे जुड़े हर एक व्यक्ति को पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने झीलों के संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिक बोट का संचालन जरूरी कदम बताया और अन्य संस्थानों को भी इस दिशा में कार्य करने की बात कही।
जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने कहा कि उदयपुर पूरे विश्व में ‘झीलों की नगरी’ के रूप में विख्यात है। उदयपुर को स्वच्छ और सुंदर रखने के लिए जिला प्रशासन भी निरंतर प्रयासरत रहता है जिसमें होटल मेनेजमेंट का सहयोग भी महत्वपूर्ण रहता है। उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए धीरे-धीरे हम पेट्रोल-डीजल के बजाय इलेक्ट्रिक परिवहन के संसाधनों को अपना रहे हैं, इसी कड़ी में लीला पैलेस द्वारा इलेक्ट्रिक बोट को लॉन्च किया जाना स्वागत योग्य कदम है। उन्होनें कहा कि उदयपुर की झीलों में संचालित सभी बोट्स को आने वाले समय में इलेक्ट्रिक करने का प्रयास किया जाएगा।
इलेक्ट्रिक बोट की यह है विशेषताएं:
होटल लीला पैलेस के जनरल मैनेजर निशांत अग्रवाल ने बताया कि पीछोला झील में शुरू की गई यह नई इलेक्ट्रिक बोट उदयपुर की पहली 18 सीटर इलेक्ट्रिक बोट है। इसमें दो इंजन है, दो बैटरी हैं जो इसे अधिक गति और सुरक्षा प्रदान करते हैं। इस बोट की गति 7 नोटिकल माइल्स है एवं इतनी गति के बावजूद यह बोट काफी स्टेबल और आरामदायक है। इसके अलावा उदयपुर में आने वाले पर्यटकों हेतु इसे राजस्थानी अंदाज़ में काफी सुंदर सजाया गया है जिससे यह अत्यधिक आकर्षक लगती है। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था पर्यावरण संरक्षण की दिशा में निरंतर कार्य करती रहेगी एवं इस छोटे-से प्रयास से उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में योगदान देने का प्रयास किया है।
झील संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिक बोट्स का संचालन जरूरी
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी पीएल बामनिया ने कहा कि काफी समय से प्रशासन द्वारा पेट्रोल-डीजल के बजाय इलेक्ट्रिक बोट्स को प्रोत्साहित करने और इसके उपयोग को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। गत दिनों झील प्राधिकरण समिति की बैठक में भी इस विषय पर चर्चा हुई थी जिसके बाद अलग-अलग प्रकार की बोट्स और उनके पर्यावरण पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया गया। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व उदय विलास में दो इलेक्ट्रिक बोट्स का संचालन किया गया जो सफल पाई गई। अब लीला पैलेस ने भी इलेक्ट्रिक बोट का संचालन आरंभ किया है जो सराहनीय कदम है।
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