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मेवाड़ यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय वाद विवाद प्रतियोगिता का समापन

चित्तौरगढ़ (चंद्र प्रकाश बिलवाल)। मेवाड़ यूनिवर्सिटी में एसोसिएशन ऑफ़ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय “अखिल भारतीय श्री नंदलाल गदिया स्मृति वाद- विवाद प्रतियोगिता- 2023” का समापन हुआ।

अंतिम दिन समापन के मौके पर देश के कोने-कोने से आएं प्रतिभगियों ने अंग्रेजी भाषा में “भारतीय लोकतंत्र में मतदान अनिवार्य होना चाहिए” संबंधित विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। इस प्रतियोगिता में कुल 250 प्रतिभागियों ने भाग लिया। देश के विभिन्न स्थानों दिल्ली, अलीगढ़, बनारस, हरिद्वार, नोएडा, अजमेर, जयपुर आदि से पहुंचकर प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर भाग लिया और विषय पर गंभीरता के साथ अपने विचार प्रस्तुत किये। दूसरे दिन आयोजित हुई इंग्लिश भाषा की प्रतियोगिता में 94 प्रतिभागियों ने भाग लिया वही एक दिन पूर्व आयोजित हुई हिंदी भाषा प्रतियोगिता में 156 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। प्रतियोगिता में आए प्रतिभागियों ने मेवाड़ यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंधन की भी जमकर तारीफ की। इस मौके पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेताओं को पुरस्कृत किया गया और वहीं प्रतियोगिता में शामिल सभी प्रतिभागी को सर्टिफिकेट और स्मृति चिन्ह भी वितरित किए गए।
वाद-विवाद प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और पूर्व सांसद सी. आर चौधरी प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाने के लिये पहुंचे और उन्होंने विधार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सतत विकास मानव जीवन के लिए बेहद जरूरी है, हमे प्राकर्तिक संसाधनों का दुरूपयोग नहीं करना चाहिए बल्कि भावी पीढ़ियों के लिये इसको संजोकर रखना चाहिए। कार्यक्रम में उन्होंने युवाओ से आह्वान करते हुए कहा कि विद्यार्थी रोजगार लेने वाले नहीं बल्कि रोजगार प्रदान करने में सक्षम बने ताकि एक युवा उद्यमी सैकड़ों युवाओं का भविष्य सुधार सकें। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप’ नीति भी चला रही है ताकि युवा खुद उधमी बनकर दूसरों को रोजगार उपलब्ध करा सके। यूनिवर्सिटी में पूर्व में अपनी सेवा दे चुके सी. आर चौधरी ने स्वर्गीय श्री नंदलाल गदिया को नमन करते हुए कहा कि उस व्यक्तित्व की सोच का ही परिणाम है कि उन्होंने “सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाए” की अवधारणा पर काम करते हुए मेवाड़ जैसे ग्रामीण क्षेत्र में मेवाड़ यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी जिसमे आज न केवल देश के कोने-कोने से बल्कि विदेशों से, अफ्रीका और एशिया महाद्वीपीय देशों से भी स्टूडेंट्स अध्ययन करने आते हैं ताकि उज्जवल भविष्य का निर्माण हो सकें। इस अवसर पर मेवाड़ यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. अशोक कुमार गदिया ने अपने संबोधन में कहा कि जिस प्रकार प्रतिभागियों ने बड़ी निपुणता और आत्मविश्वास से अपने विषय पर मत रखें, वह काफी प्रशंसनीय है । यह देश 70 करोड़ युवाओं का देश है और यही युवा शक्ति देश का कर्णधार है। युवा शिक्षित होगा तभी देश उन्नति के मार्ग पर बढ़ेगा। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि इस उद्देश्य को पूरा करने में अपना सहयोग दें । इसके बाद उन्होंने स्टूडेंट्स को चुनाव में व्याप्त विसंगतियों की विस्तृत जानकारी दी और मतदान नहीं करने पर होने वाले नुकसानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस वाद-विवाद प्रतियोगिता का उद्देश्य लोगों में मतदान के प्रति जागरूकता पैदा करना है ताकि सही प्रतिनिधि का चुनाव हो सकें। कार्यक्रम के अंत में संयोजक डॉ. लोकेश शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के सदस्य राधाकृष्ण गदिया, वाइस चांसलर डॉ. आलोक मिश्रा, प्रो. वाइस चांसलर आनंदवर्धन शुक्ला, प्रो वाइस चांसलर सर्वोत्तम दीक्षित सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
प्रतियोगिता में यह रहे विजेता-
आयोजन समिति अध्यक्षा डाॅ. चित्रलेखा सिंह ने बताया कि प्रतियोगिता में आईएमएस लॉ कॉलेज नोएडा की टीम को पांच लाख रूपये नकद और ‘‘श्री नंदलाल गदिया मेमोरियल रनिंग ट्राॅफी‘‘ पुरस्कार प्रदान किया गया। हिंदी माध्यम में प्रथम पुरस्कार विजेता (31000/-रु) आईएमएस लॉ कॉलेज नोएडा के जयंती मिश्रा व मनीष कुमार और एलडीपीएस कन्या महाविद्यालय पाली के अदिति सिंह व दुर्गा कंवर रहे।
द्वितीय पुरस्कार विजेता (21000/-रु) सोफिया गर्ल्स कॉलेज अजमेर की वृंदा पराशर व हर्षिता और एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी की राखी व सूरज मिश्रा रहे। तृतीय पुरस्कार विजेता (11000/- रू) देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के ऋतिक राजगीर व यशस्वी पांडे और लॉ कॉलेज देहरादून उत्तरांचल यूनिवर्सिटी के शताक्षी शर्मा व पर्थ नारायण सिंह रहे।
अंग्रेजी माध्यम में प्रथम पुरस्कार विजेता जामिया मिलिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली विश्वविद्यालय के सुदीप कृष्णा व प्रियांशु चौहान और बनस्थली विद्यापीठ के प्रियंका प्रतापगढ़ और काव्या सिंह रहे। द्वितीय पुरस्कार विजेता सोफिया गर्ल्स कॉलेज ऑटोनॉमस अजमेर की भव्या श्रीवास्तव व प्रियांशी चावला और आईएमएस लॉ कॉलेज नोएडा के जयंती व मनीष कुमार रहे। तृतीय पुरस्कार विजेता जीबी पंत यूनिवर्सिटी के प्रज्ञा व गौरव तथा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जोधपुर के आर्यन अग्रवाल व नेहा शर्मा रहे। हिंदी माध्यम में सांत्वना पुरस्कार लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी पंजाब के हिमांशु जिंदल व सुधांशु ढाका व द्वितीय पुरस्कार भगवंत यूनिवर्सिटी अजमेर के प्रिया डांगी व मनु शर्मा व तृतीय पुरस्कार शहीद भगत सिंह इवनिंग कॉलेज यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली के अभिनव सिंह व योगिता यादव को मिला। अंग्रेजी माध्यम में सांत्वना पुरस्कार पीजी कॉलेज चित्तौड़गढ़ की गोरवी माहेश्वरी व प्रियांशी चावला, द्वितीय पुरस्कार द आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी जयपुर की शिवानी बागवाल व सुहानी सिंह तृतीय पुरस्कार देव संस्कृति यूनिवर्सिटी उत्तराखंड के आनंदिता मौर्य व अभय शर्मा को मिला। हिंदी माध्यम में बेस्ट स्पीकर का पहला पुरस्कार भागवत यूनिवर्सिटी अजमेर की प्रिया डांगी व दूसरा पुरस्कार लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी पंजाब के हिमांशु जिंदल को मिला वहीं अंग्रेजी माध्यम में बेस्ट स्पीकर का पहला पुरस्कार द आईसीएफएआई जयपुर की शिवानी बागवाल द्वितीय पुरस्कार पीजी कॉलेज चित्तौड़गढ़ की गौरवी महेश्वरी को मिला।
‘मूव-पाया’ में न केवल राजस्थान संस्कृति की याद दिलाई बल्कि होली की यादें भी ताजा कर दी
म्यूजियम देखकर प्रतिभागियों ने अपना ज्ञानवर्धन किया।
दो दिन से चल रही वाद- विवाद प्रतियोगिता की प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए शाम के समय मेवाड़ यूनिवर्सिटी के फाइन आर्ट विभाग की डीन डॉ. चित्रलेखा सिंह के निर्देशन में ”मूव-पाया” कार्यक्रम के तहत छठवां ”अभिव्यक्ति-समारोह” आयोजित किया गया। जिसमें कलाकारों ने विभिन रंगारंग कार्यक्रम के माध्यम से आकर्षक सांस्कृतिक नृत्य और गायन पेश किये। जिसमें न केवल राजस्थानी संस्कृति बल्कि होली की भी छाप देखने को मिली। शास्त्रीय नृत्यकार कुंजलता ने ओडीसी नृत्य के माध्यम से नौ रसों की भाव-भंगिमाओं के माध्यम से मनमोहक प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए वही दूसरी तरफ डॉ त्रिगुणातीत जैमिनी ने सितार वादन की प्रस्तुति से सभी को आकर्षित करते हुए वृंदावन की होली की यादें ताजा कर दी जिसके बाद महाराणा प्रताप सेमिनार हॉल बांके बिहारी के जयघोष से गूंज उठा। इस मौके पर मंच का संचालन डॉ राजषि कसौधन ने किया और बाहर से आएं विद्यार्थियों को मेवाड़ यूनिवर्सिटी में निर्मित प्रभाष जोशी गांधी म्यूजियम, साइंस म्यूजियम, ज्योतिष म्यूजियम, योगा म्यूजियम, आर्ट गैलरी आदि विभिन्न म्यूजियम की जानकारी दी जिनको बाद फुर्सत के क्षणों में पहुंचकर विद्यार्थियों ने इन सभी म्यूजियम का दौरा किया और अपना ज्ञानवर्धन किया ।
मेवाड़ यूनिवर्सिटी प्रशासन प्रतियोगिताओं में शामिल प्रतिभागियों के सुझावों को विधि मंत्रालय भेजेगा। मेवाड़ यूनिवर्सिटी में दो दिन से चल रही “अखिल भारतीय श्री नंदलाल गदिया स्मृति वाद-विवाद प्रतियोगिता – 2023” में देश भर के कोने-कोने से आए जितने भी प्रतिभागियों ने भाग लिया उन सबके विचारों और सुझावों को मेंवाड़ यूनिवर्सिटी प्रशासन विधि मंत्रालय के पास भेजेगा ताकि आने वाले चुनाव में केंद्रीय चुनाव आयोग या विधि मंत्रालय उसको अमलीजामा पहना सकें। यह जानकारी मेवाड़ यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. अशोक कुमार गदिया और कार्यक्रम में आए मुख्य अतिथि सी आर चौधरी ने दी ।
मालूम हो कि मेवाड़ यूनिवर्सिटी में चल रही प्रतियोगिता में देश भर के कोने-कोने की. यूनिवर्सिटीज से आकर हिंदी और इंग्लिश दोनों विषयों के 250 प्रतिभागियों ने “भारतीय लोकतंत्र में मतदान अनिवार्य होना चाहिए” विषय पर अपने पक्ष और विपक्ष में विचार प्रस्तुत किये जैसे कि लोकतंत्र में जनता को विभिन्न आर्टिकल के तहत क्या- क्या अधिकार प्राप्त है और वह अपने अधिकारों का किस प्रकार इस्तेमाल कर सकता है । वोटिंग मताधिकार के सकारात्मक और नकारात्मक क्या पहलू है। किस प्रकार एक आम इंसान चुने हुए जनप्रतिनिधियों को संसद तक पहुंचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रतियोगिता में भाषण के दौरान प्रतिभगियों ने भारतीय संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर और अमेरिकन राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के कथनों का भी भरपूर इस्तेमाल किया और नोटा पर भी करारा प्रहार किया।
शुक्रवार को मेवाड़ यूनिवर्सिटी में आयोजित इंग्लिश प्रतियोगिता में पीजी कॉलेज चित्तौड़गढ़ की प्रतिभागियों गौरवी माहेश्वरी और प्रियांशी ने वोटिंग के पक्ष और विपक्ष में अपने विचार प्रस्तुत किए जिसमे गौरवी माहेश्वरी ने वोटिंग के पक्ष में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए विभिन्न देशों के बढ़ते वोटिंग आंकड़ों को दर्शाते हुए इसका सकारात्मक पहलू दिखाया वही प्रियांशी ने जनप्रतिनिधियों के सत्ता में पहुंचने के बाद खोखले दावों की पोल खोली । जामिया मिलिया इस्लामिया के सुदीप कृष्ण और प्रियांशु चौहान वही सोफिया गर्ल्स कॉलेज ऑटोनॉमस की भाविया श्रीवास्तव और मल्लिका ने भी विषय के पक्ष और विपक्ष में अपने मत रखें जिसके बाद यहीं निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि आज के समय में वोटिंग इच्छा पर आधारित नहीं बल्कि कर्तव्यबोध होनी चाहिए ताकि जनता जनप्रतिनिधि चुनने में अपनी भूमिका का सही निर्वाह कर सकें लेकिन सत्ता मिलने पर जनप्रतिनिधियों को जनता से किए गए वादों और कर्तव्यों को कभी नहीं भूलना चाहिए।

RISHABH JAIN
Author: RISHABH JAIN

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