उद्यान विभाग की योजनाओं के बारे में कृषकों को दी जानकारी
चित्तौड़गढ़। उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ शंकर लाल जाट, सहायक निदेशक उद्यान डॉ प्रकाश चंद्र खटीक, कृषि अधिकारी उद्यान जोगेंद्र सिंह राणावत, कृषि पर्यवेक्षक उद्यान एवं स्थानीय कृषि पर्यवेक्षक दुर्गेश कुमार रेगर एवं श्रीमती संता बलाई ने जिला मुख्यालय से लगभग 110 किलोमीटर दूर सुखपुरा (नयागांव) भैंसरोडगढ़ में प्रगतिशील किसान निर्मल धाकड़ (पप्पू) के फार्म का निरीक्षण किया।
फार्म पर कृषक ने अवगत कराया कि गत वर्ष उसने खरबूजे लगभग 3 बीघा में लगाए थे, जिसे कृषक ने मार्केट में 13 लाख रुपए की दर में बेचा। उसमें से चार लाख का खर्चा एवं 9 लाख का शुद्ध मुनाफा हुआ। कृषक ने बताया कि इस बार भी लो-टनल में लगभग 4 बीघा में मुस्कान वैरायटी के खरबूजे की फसल लगाई है। उन्होंने कहा कि इस मुनाफे को देखकर उसी गांव में 30 से 35 कृषकों ने भी खरबूजे की खेती हेतु प्रोत्साहित हुए हैं। कृषक ने बताया कि इस बार भी संभावना है कि लगभग 4 बीघा से 10 से 12 लाख रुपए तक का मुनाफा होने की संभावना है। साथ ही कृषक के यहां 4 हजार वर्ग मीटर का पॉलीहाउस भी लगा हुआ है, जिससे अब तक 15 लाख का खीरा बेचा जा चुका है तथा आगे भी खीरा विक्रय किया जा रहा है। कृषक द्वारा जैविक खेती मॉडल अपनाया जा रहा है जिससे खरबूजे की खेती के अंदर इंसेक्ट ट्रैप कार्ड, सोलर लाइट ट्रैप द्वारा नियंत्रण किया जा रहा है। जिससे कृषक द्वारा कृषि में नवाचार कर अधिक मुनाफा कमाया जा रहा है।
उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ शंकर लाल जाट ने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा अधिकतम 4 हजार वर्ग मीटर पॉलीहाउस निर्माण पर लघु/सीमांत/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कृषकों को 70 प्रतिशत एवं सामान्य श्रेणी के कृषकों को 50 प्रतिशत का अनुदान देय है। इसी प्रकार अधिकतम 2 हेक्टेयर प्लास्टिक मल्चिंग एवं 4 हजार वर्ग मीटर लो टनल की स्थापना पर लघु/सीमांत कृषकों को 75 प्रतिशत एवं सामान्य श्रेणी के कृषकों को 50 प्रतिशत का अनुदान देय है।
उन्होंने बताया कि लो टनल से कृषक लगभग 1 महीने पूर्व फसल प्राप्त कर सकता है, जिससे कृषक को बाजार में बेचने पर अच्छा भाव मिल सके। इसी प्रकार अन्य कृषकों से भी उप निदेशक उद्यान ने आह्वान किया कि आप भी उद्यान विभाग की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेकर अपनी आय को सुदृढ़ करें।
DIPR, Department of Information & Public Relations, Rajasthan