भदेसर (शैलेन्द्र जैन)। भेदभाव, किसी भी स्तर पर निंदनीय है, लैंगिक भेदभाव सामाजिक उन्नति में बाधक है, अतः वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संकीर्ण मानसिकता को परिवर्तित करके लैंगिक समानता को स्थापित किया जाना अति आवश्यक है। इसके लिए बालिकाओं को शिक्षित होना होगा, आर्थिक स्वावलंबी बनना होगा, स्वनिर्णय से स्वनिर्माण करना होगा l
उक्त विचार राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त आसावरा प्रधानाचार्य डॉ गोविंद राम शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आसावरा में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। विद्यालय प्रभारी श्याम सुंदर आचार्य ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महिला शिक्षा पर उद्बोधन प्रदान किया। सरस्वती आमेटा तथा जसोदा मेनारिया ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की रूपरेखा एवं कार्यक्रम की जानकारी दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त संस्थाप्रधान डॉ.गोविंद राम शर्मा ने की जबकि स्वाति बिड़ला, जसोदा मेनारिया आदि विशिष्ट अतिथि थे। पायल वैष्णव, चंचल नवलखा, पायल मेनारिया, हैप्पी कुंवर, प्रियंका जाट, ईशा मंसूरी ने विचार व्यक्त किए। स्टाफ सचिव जीवराज जाट ने आभार व्यक्त किया। संचालन नारायण लाल जाट ने किया।