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उदयपुर, 8 मार्च। होली चातुर्मास करने के लिए झीलों की नगरी के रूप में ख्यातनाम धर्मनगरी उदयपुर में पहली बार पहुंचे आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि, वाणी के जादूगर डॉ. समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा गुरूवार 9 मार्च को शहर से विदा होकर अहमदाबाद मार्ग से होते हुए सूरत की दिशा में विहार कर देंगे। उन्होंने 26 फरवरी को उदयपुर शहर में प्रवेश किया था।
इसके बाद एक से छह मार्च तक श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान हिरणमगरी सेक्टर-चार के तत्वावधान में आयोजित होली चातुर्मास के कारण वहीं प्रवास रहा। वहां से 8 मार्च को सुबह विहार कर मुनिश्री आयड़ जैन स्थानक ऋषभ भवन में पहुंचे। सेक्टर-4 से होली चातुर्मास साआनंद सम्पन्न होने पर विदा करने के लिए बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं पहुंचे थे। संस्थान के मंत्री महेन्द्र पोखरना, होली चातुर्मास संयोजक अनिल जारोली सहित कई पदाधिकारी भी विहार में पूज्य मुनिवृन्द के साथ रहे। मुनिश्री ने होली चातुर्मास को सफल बनाने के लिए संस्थान अध्यक्ष देवेन्द्र धींग सहित पूरी कार्यकारिणी को साधुवाद दिया।
विहार यात्रा के दौरान भगवान महावीर स्वामी की जय, श्रमण संघ की जय व समकितमुनिजी की जय जैसे नारे गूंजते रहे। ऋषभ भवन पहुंच पूज्य समकितमुनिजी ने धर्मसंदेश प्रदान करते हुए कहा कि उदयपुरवासियों की जिनशासन के प्रति आस्था व भक्ति अनुकरणीय है। यहां जो सेवा व भक्ति हुई उस देख मेरठ से उदयपुर तक के उग्र विहार की सारी थकान ही मिट गई। धर्मसभा में पूज्य भवान्तमुनिजी एवं जयवंतमुनिजी म.सा. का भी सानिध्य रहा। श्रीसंघ के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों ने मुनिवृन्द का अभिनंदन किया। तय कार्यक्रम के अनुसार पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा 9 मार्च गुरूवार को उदयपुर से सूरत की दिशा में विहार यात्रा शुरू करते हुए अहमदाबाद रोड स्थित काया जैन मंदिर पहुंचेंगे। उनका दिन में प्रवास यहीं रहेगा। मुनिश्री डूंगरपुर जिले के ऋषभदेव आदि स्थानों से होते हुए गुजरात क्षेत्र में प्रवेश करेंगे। उनकी सूरत पहुंच श्रमणसंघीय आचार्य श्रीशिवमुनिजी म.सा. की दर्शन की भावना है। इसके बाद महाराष्ट्र के नासिक की दिशा में विहार होंगा जहां उनके सानिध्य में 23 अप्रेल को अक्षय तृतीया पर वर्षीतप पारणा महोत्सव होंगा। उनका वर्ष 2023 का चातुर्मास पूना के आदिनाथ जैन स्थानक भवन के लिए घोषित है,जहां चातुर्मासिक प्रवेश 25 जून को होगा।
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