डूंगला। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय उपशाखा डूंगला और बड़ी सादड़ी द्वारा संयुक्त रूप से प्रदेश सचिव माध्यमिक शिक्षा रमेश चंद्र पुष्करणा के नेतृत्व में 11 सूत्री मांगों को लेकर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और मुख्य सचिव राजस्थान सरकार के नाम बड़ीसादड़ी विधायक ललित कुमार ओस्तवाल को ज्ञापन दिया।
पुष्करणा ने बताया कि संगठन द्वारा बार-बार आग्रह करने व लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रकट करने के उपरांत भी सरकार ने ना तो संगठन से कोई संवाद स्थापित किया और ना ही अपने स्तर पर कोई कार्यवाही की है इससे व्यथित होकर राज्य के शिक्षक अब आंदोलन की राह अपनाने को विवश है। जिला मंत्री प्रकाश चंद्र बक्शी ने विधायक ओस्तवाल को बताया कि अंतिम प्रयास के रूप में श्रीमान के माध्यम से संगठन का आपसे जागरूक जनप्रतिनिधि के नाते 11 सूत्रीय ज्ञापन प्रेषित कर आग्रह है कि शिक्षकों की न्यायोचित मांगों के निराकरण हेतु अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए सरकार से उचित निराकरण करवाने में अपना सहयोग प्रदान करें। निवर्तमान जिलाध्यक्ष रमेश चंद्र पुरोहित ने बताया कि वेतन विसंगतियों के निराकरण हेतु गठित सावंत एवं खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को तत्काल सार्वजनिक कर लागू करने, समस्त राज्य कर्मचारियों को 8-16 -24-32 वर्ष पर एसीपी का लाभ लेकर पदोन्नति पद का वेतनमान प्रदान करने, एनपीएस कार्मिकों के लिए लागू पुरानी पेंशन योजना की तकनीकी खामियों को दुरुस्त करते हुए एनपीएस फंड की राशि शिक्षकों को देने के साथ-साथ जीपीएफ 2004 के खाता नंबर तत्काल जारी किए जाएं ।डूंगला उपशाखा अध्यक्ष पूरणमल लोहार ने बताया कि संपूर्ण सेवाकाल में परिवीक्षा अवधि केवल एक बार 1 वर्ष के लिए हो, शिक्षा विभाग की ऑनलाइन निर्भरता को देखते हुए राज्य के समस्त शिक्षकों एवं संस्था प्रधानों को मासिक इंटरनेट भता और एंड्रॉयड फोन दिया जाए ,राज्य कार्मिकों को सेवानिवृत्ति के समय 300 उपार्जित अवकाशों कि सीमा को समाप्त करने ,सेवानिवृत्ति के पश्चात 65 -70 एवं 75 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर क्रमशः 5-10 एवं 15% पेंशन वृद्धि करने, शिक्षा विभाग में की जा रही संविदा आधारित नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए नियमित भर्ती से पद भरे जाने की कार्यवाही हो, अध्यापक संवर्ग के स्थानांतरण पर तत्काल प्रतिबंध हटाया जाए एवं राज्य के शिक्षकों के स्पष्ट स्थानांतरण नियम बनाए जाए।बड़ीसादड़ी उपशाखा अध्यक्ष कैलाश चंद्र मालू ने बताया कि शिक्षक समस्याओं में नियमित रूप से डीपीसी आयोजित कि जाकर समय पर पदस्थापन किया जाए, बीएलओ सहित समस्त प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाए ,तीन संतान होने पर राज्य कर्मचारियों को पदोन्नति में एक बार पीछे रखने के बाद उनकी मूल वरिष्ठता पुनः बहाल की जाए, साथ ही तीन संतान वाले कार्मिकों को केंद्र सरकार के नियमानुसार राहत दी जाए। माध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न तत्काल लागू कर पदों का सृजन किया जाए ,विद्यालय में पद आवंटन में हिंदी एवं अंग्रेजी माध्यम का विभेद समाप्त कर समान रूप से आवंटन प्रक्रिया अपनाई जाए। इस प्रकार विभिन्न शिक्षक समस्याओं के समाधान की मांग करते हुए संगठन ने राज्य सरकार को सचेत किया की यदि राज्य सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं किया जाने की स्थिति में संगठन को उग्र आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा। इस अवसर पर उपशाखा डूंगला से जिला उपाध्यक्ष नाथू लाल डांगी जिला प्रबोधक सदस्य चंदन सिंह शक्तावत,जिला कार्यकारिणी से कन्हैया लाल तंबोली, रमण लाल गहलोत छोटीसादड़ी उपशाखा अध्यक्ष, डूंगला उपशाखा से वर्दी सिंह रावत सभा अध्यक्ष, प्रदीप कुमार वैष्णव , रोशन लाल सालवी उप सभा, प्रकाश चंद्र कुदाल वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नरेश कुमार व्यास उपाध्यक्ष, मंत्री कमलेश चौधरी, महिला मंत्री किरण डाबले, कोषाध्यक्ष नरेंद्र कुमार स्वर्णकार, सुरेश चंद लोहार सुमित कुमार अग्रवाल, नानूराम मीणा , औंकार लाल मीणा, राजेंद्र सिंह सारंगदेवोत, हेमंत कुमार शर्मा सहित अनेक शिक्षक उपस्थित रहे।