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डूंगला प्रवीण मेहता
लोकतंत्र में छोटे बड़े गरीब अमीर सबको समान अधिकार है। किसी के अधिकारों का हनन करना उपेक्षा करना साक्षात लोकतंत्र का गला घोट के समान है। उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने धर्मसभा को संबोधित करते कहा कि किसी के अधिकारों की रक्षा नहीं कर सकते तो जीने का हमें कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि दूसरों के अधिकारों को छीनने वाला शैतान के समान है। और दूसरे के अधिकारों की रक्षा के लिए अपने को दांव पर लगाने वाला भगवान के समान है। मुनि कमलेश ने बताया कि निस्वार्थ भाव से किसी के अधिकारों की रक्षा करना धर्म और भगवान की रक्षा करने के समान है।
राष्ट्रसंत ने बताया कि जाति कुल पद प्रतिष्ठा के नशे में अधिकारों को कुचलने पर उतारू हो जाता है उससे बडा पापी और कोई नहीं हो सकता
जैन संत ने कहा कि असली लोकतंत्र का उदय जब होगा । जब भयमुक्त मानव समाज जगेगा।अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली शाखा चित्तौड़गढ़ एवं प्राज्ञ दिवाकर मैत्री मंच वरिष्ठ कार्यकर्ता भीलवाड़ा से हरीश हिंदुस्तानी, गौरव सुराणा,अंशुल लोढ़ा,रोनकखिमेसराकेशवभीलवाडिया सुशील चीपड़, सुरेश सिंघवी, प्रवीण बोहरा, मुकेश सेठिया, नरेश भड़कत्या, प्रकाश नाहर, मंजू नहाटा, कनक मेहता, ने गंगरार विहार सेवा का लाभ लिया।
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