जयपुर। पुलिस ने भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को हिरासत में लिया है। पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की है। पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। किरोड़ीलाल ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस ने मारपीट की है, इससे मुझे चोट लगी है। डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को एसएमएस अस्पताल ले जाया गया है। जयपुर में पिछले कई दिनों से पुलवामा शहीदों की तीन वीरांगनाओं के धरने को जबरन खत्म करने और कुछ समर्थकों को हिरासत में लेने के बाद किरोड़ीलाल मीणा और पुलिस के बीच टकराव की स्थिति बन गई।
समर्थकों व खुद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने बताया उनके शरीर पर चोट लगी है, इसलिए उन्हें उपचार के लिए गोविंदगढ़ सीएचसी ले गए, वहां से एसएमएस अस्पताल भेजा गया है। किरोड़ीलाल मीणा की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही सांसद के समर्थक सड़कों पर उतरने लगे। विरोध में जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे तथा लालसोट-दौसा हाईवे पर जाम लगा दिया गया।
ऐसे हुआ विरोध, बढ़ा हंगामा :
किरोड़ी लाल मीणा दोपहर 12 बजे सामोद हनुमानजी के मंदिर दर्शन करने गए, जहां से वीरांगना मंजू जाट के परिवार से मिलने का प्रोग्राम था। किरोड़ी रवाना हुए और पुलिस ने सामोद थाने के पास में उन्हें व समर्थकों को रोक लिया। इस दौरान पुलिस और किरोड़ी लाल मीणा के बीच जोरदार बहस हुई।
करीब डेढ़ घंटे तक किरोड़ीलाल मीणा को समर्थकों के साथ मुख्य सड़क पर पुलिस ने रोके रखा। करीब 1:30 बजे सीनियर ऑफिसर्स मौके पर पहुंचे। किरोड़ी लाल को वापस लौट जाने के लिए समझाया। वे अड़े रहे तो पुलिस ने मीणा को जबरन मौके से हटाया।
इस घटनाक्रम के बाद किरोड़ी लाल ने कहा, ‘पुलिस ने मुझे मारने की कोशिश की, लेकिन वीरांगनाओं, युवा, बेरोजगारों और गरीबों के आशीर्वाद से बच गया। मुझे चोट आई है।’ इस बीच बीजेपी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह भी उनसे मिलने पहुंचे। वह अब किरोड़ी के साथ ही गोविदगढ़ से एसएमएस आ रहे हैं। अरुण सिंह और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी भी साथ हैं।
सांसद किरोड़ी के साथ किए गए बर्ताव की हनुमान बेनीवाल ने की निंदा
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने शुक्रवार को सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ पुलिस के द्वारा किए गए बर्ताव पर राजस्थान सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पुलवामा हमले के शहीदों की वीरांगनाओं की मांगों को लेकर आंदोलित राज्य सभा सांसद व वरिष्ठ जन नेता डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा के साथ पुलिस द्वारा बदसलूकी करने से उनकी तबीयत बिगड़ जाने के समाचार प्राप्त हुए। पुलिस के ऐसे कृत्य की मैं निंदा करता हूं। लोकतंत्र में आवाज उठाना सभी का हक है, परंतु राजस्थान की तानाशाह सरकार सत्ता के दम पर हर आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। सरकार में संवेदनशीलता होती तो मुख्यमंत्री आवास के सामने विरांगनाओं के साथ बदसलूकी करने वाले पुलिस अधिकारियों और पुलिस कार्मिकों पर कार्यवाही करती, मगर सरकार के इशारे पर आंदोलित विरांगनाओं को ही वहां से हटा दिया गया। पुलिस द्वारा डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा के साथ जो अनुचित व्यवहार किया गया उसको लेकर भाजपा और समूचे विपक्ष को सड़क पर उतरना चाहिए।
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