कोई भूखा न सोए’ के मिशन को शुरू करते हुए गहलोत सरकार ने राजस्थान में इंदिरा रसोई की शुरुआत की थी। इसमें आमजन को 8 रुपए में बैठाकर खाना खिलाने की व्यवस्था है। इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए अब सरकार ने प्रदेश के शहरी इलाकों के साथ-साथ ग्रामीण कस्बों में भी इसकी शुरुआत करने का निर्णय किया है। राज्य के सभी 33 जिलों के एक हजार गांवों में ये रसोई शुरू की जाएंगी। रसोई का संचालन गांव या कस्बे की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए होगा।
3 मार्च को ऑर्डर निकाला
सरकार की ओर से तैयार किए गए प्रस्ताव के तहत राज्य के कुल 901 कस्बों में नई रसोई खोली जाएंगी। इसमें 5 से 10 हजार की जनसंख्या वाले कस्बे में एक, 10 से 20 हजार की जनसंख्या वाले कस्बे में 2 और 20 हजार से ज्यादा जनसंख्या वाले कस्बे में 3 रसोई खोली जाएगी। इस तरह पूरे 33 जिलों के 901, ग्रामीण कस्बों में कुल 991 रसोई खोली जाएंगी। इसके लिए 3 मार्च को शासन सचिव ने सभी कलेक्टर के नाम ऑर्डर निकाला है।
शहर की तर्ज पर गांव में जमीन देगी सरकार
शहरों में खुली रसोई की तर्ज पर ही गांवों में भी रसोई के लिए सरकार जगह या जमीन फ्री उपलब्ध करवाएगी। इसके लिए ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) या जिला परिषद सीईओ को जिम्मेदारी दी गई है। हर जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है, जो टेंडर करके रसोई का संचालन करने वाली फर्म या संस्था का चयन करेगी।
सबसे ज्यादा जयपुर में, जबकि सबसे कम जैसलमेर में खुलेगी
स्वायत्त शासन विभाग ने अभी कुछ गांवों और कस्बों की जनसंख्या के अनुसार रसोई खोलने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें जयपुर जिले के 84 गांवों में 92 जगहों पर ये किचन शुरू किए जाएंगे, जो राज्य में सबसे ज्यादा होंगे। इसी तरह जैसलमेर जिले के तीन ग्रामीण कस्बों मोहनगढ़, रामगढ़ और नाचना में एक-एक यानी कुल 3 रसोई खोली जाएंगी।
उदयपुर में 12, जोधपुर 54, अजमेर 32, अलवर 46, बांसवाड़ा 18, बारां 16, बाड़मेर 30, भरतपुर 31, भीलवाड़ा 29, बीकानेर 74, चित्तौड़गढ़ 18, चूरू 32, दौसा 26, डूंगरपुर 17, हनुमानगढ़ 38, जालोर 60, झालावाड़ 11, झुंझुनूं 47, करौली 20, नागौर 69, पाली 52, सवाई माधोपुर 31, सीकर 55, सिरोही 23, टोंक 19, राजसमंद 6, प्रतापगढ़ 4, कोटा 7, बूंदी 5, धौलपुर 9 और गंगानगर में 5 जगहों पर रसोई खोली जाएंगी।
8 रुपए में मिलता है खाना
सरकार की ओर से इस किचन में आमजन को 8 रुपए में दिन और 8 रुपए में शाम का भोजन उपलब्ध करवाया जाता है। इसमें दाल, सब्जी, चपाती और आचार दिया जाता है। हर दिन एक रसोई में अधिकतम 200 लोगों (100 सुबह और 100 शाम) के खाने की व्यवस्था रहती है। सरकार ने कोविड के समय इस रसोई का शुभारम्भ किया था। वर्तमान में ये प्रदेश की 213 से ज्यादा निकाय क्षेत्रों में संचालित है।