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अपने नेताओं की छवि निखारने व दूसरों की बिगाड़ने में लगी हैं राजनीतिक पार्टियां

जयपुर। 2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दल अपना एजेंडा तय करने और अपने नेताओं की छवि को निखारने में जुट गए हैं।

जहां भारतीय जनता पार्टी अपने सभी विरोध प्रदर्शनों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधती रही है, वहीं कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करती रही है। इससे चुनाव मोदी बनाम राहुल बन गया है।

राज्य भाजपा ने 15 मार्च को भरतपुर से अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ एक विरोध अभियान शुरू किया।

इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए भाजपा नेताओं ने कैंब्रिज में दिए अपने बयान के लिए राहुल गांधी से माफी की मांग की। इस मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राहुल को उनके नाना के घर और उनकी मां व कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को उनके मायके भेज दिया जाए।

वहीं बैठक में भाजपा के भरतपुर जिलाध्यक्ष जगत सिंह ने कहा कि राहुल ने परदेस में देश के खिलाफ बोलकर देशवासियों का अपमान किया है।

सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्हें मानसिक अस्पताल में भर्ती करा देना चाहिए। वहां उनका इलाज होगा। मैं इसके लिए भुगतान करने को तैयार हूं। वह देश पर एक धब्बा हैं। उन्होंने सभी कांग्रेसियों को देशद्रोही बताते हुए कहा कि अगली बार भाजपा पूर्ण बहुमत से सत्ता में आएगी और फिर पूरी कांग्रेस पार्टी को जेल में डाल दिया जाएगा।

राजस्थान में भाजपा 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान राहुल गांधी द्वारा किए गए वादों पर सवाल उठा रही है। वे उनसे पूछ रहे हैं कि उनके कर्जमाफी के वादे साढ़े चार साल में भी पूरे क्यों नहीं किए गए, जबकि उन्होंने वादा किया था कि कांग्रेस की सरकार आने पर किसानों की कर्जमाफी 10 दिनों के भीतर हो जाएगी।

इस बीच, ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने भी भाजपा की नब्ज पढ़ ली है और विभिन्न मुद्दों पर पीएम मोदी पर हमला करना शुरू कर दिया है।

सीएम गहलोत, जहां ओपीएस पर उनकी चुप्पी के लिए उन पर हमला करते रहे हैं, वहीं वे उन्हें ईआरसीपी के मुद्दे की भी याद दिलाते रहे हैं और उन पर लोगों की समस्याओं को अनसुना करने का आरोप लगाते रहे हैं।

हाल ही में कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने यह कहकर विवाद छेड़ दिया कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता से हट गए तो भारत गौतम अदानी जैसे उद्योगपतियों से बच जाएगा।

रंधावा ने ये टिप्पणी चुनावी राज्य राजस्थान में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए की। इस दौरान उन्होंने उनसे कहा कि अगर वे अदानी जैसे उद्योगपतियों से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो मोदी को हराएं।

अदानी समूह के खिलाफ अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति बनाने पर सहमत नहीं होने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ जयपुर में विरोध सभा का आयोजन किया गया था।

उन्होंने कहा, मोदी देश को बर्बाद कर रहे हैं और केंद्र में भाजपा देश को बेच रही है, इसलिए हमारी लड़ाई अदानी से नहीं बल्कि भाजपा से है। रंधावा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा, हर कोई अदानी के बारे में बात कर रहा है, जबकि उन्हें मोदी के बारे में बात करनी चाहिए। अदानी को हटाने के लिए उनकी हार महत्वपूर्ण है।

कांग्रेस इस बार दो धड़ों में बंटी हुई है, एक का नेतृत्व सीएम अशोक गहलोत कर रहे हैं और दूसरे का नेतृत्व पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट।

पायलट समर्थक इस बात से दुखी हैं कि उन्हें संगठन और सरकार में पदोन्नत नहीं किया गया। गहलोत गुट ओपीएस, आरजीएचएस, चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना आदि जैसी उनकी योजनाओं को देखते हुए दूसरी बार सरकार बनाने के प्रति आश्वस्त है।

हालांकि, बीजेपी का कहना है कि राज्य सरकार के पास श्रेय लेने के लिए कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं है। पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत राज्य में बढ़ती बेरोजगारी और अपराध दर के मामले में अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए बस मोदी पर हमला करने में व्यस्त हैं।

इसलिए जहां अगले साल लोकसभा चुनाव में दिग्गजों की टक्कर देखने को मिलेगी, वहीं साफ है कि बीजेपी ने इसे राहुल बनाम मोदी बनाने का मन बना लिया है। दोनों दल अपने नेताओं की छवि निखारने और दूसरे पक्ष को बदनाम करने में लगी हैं।

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