![Voice Reader](https://darshan-news.com/wp-content/plugins/magic-post-voice/assets/img/play.png)
![Stop Voice Reader](https://darshan-news.com/wp-content/plugins/magic-post-voice/assets/img/stop.png)
![Pause](https://darshan-news.com/wp-content/plugins/magic-post-voice/assets/img/pause.png)
![Resume](https://darshan-news.com/wp-content/plugins/magic-post-voice/assets/img/play.png)
दर्शन न्यूज़ भींडर – नगर में स्थित पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर में साहित्यकार डॉक्टर हुकुमचंद भारिल के निधन पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया । जैन समाज के साहित्य जगत मैं अनूठी मिसाल कायम करने वाले तत्व वक्ता डॉक्टर हुकम चंद भारिल का जयपुर में निधन हो गया , उनके निधन पर भिंडर स्थित पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन ,तेरापंथ समाज एवं महिला मंडल द्वारा स्वाध्याय भवन में विद्यांजलि सभा की गई इस सभा में जैन युवा फैडरेशन के सुनील कुमार वक्तावत ने बताया कि डॉक्टर भारिल ने अपने जीवन में देश में 1000 विद्वानों को तैयार किया जो आज उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए समाज को सही मार्गदर्शन कर रहे हैं । तेरापंथ समाज के सूरजमल फांदोत ने कहा कि डॉ भारील ने 85 पुस्तकों का लेखन कार्य किया तथा उनकी 50 लाख से अधिक प्रतियां आज देश-विदेश में है , उनके द्वारा हर क्षेत्र में योगदान होने से अध्याय शिरोमणि एवं विद्यावाचस्पति सहित अनेक उपाधियों से अलंकृत किया गया है । श्रीपाल जेतावत ने कहा कि वह अपने जीवन में लेखन की शुरुआत बाल साहित्य से की थी तथा साथ ही उन्होंने पूजन साहित्य तीर्थंकर विधान ,शांति पाठ ,विधान पूजन आदि का लेखन कर इस समाज को नई दिशा दी मुमुक्षु मंडल के बसंतीलाल भोपावत ने कहा कि डॉक्टर भारिल वीतराग विज्ञान पत्रिका का कहीं वर्षों तक संपादन का कार्य किया तथा महिला मंडल के सदस्य द्वारा कहा गया कि उनके द्वारा बताए गए मार्ग एवं प्रवचन सुनकर उनका अनुसरण करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।
![Ravi Shrimali](https://secure.gravatar.com/avatar/4d33f7ae71c6cb5922932cc0d8e74c34?s=96&r=g&d=https://darshan-news.com/wp-content/plugins/userswp/assets/images/no_profile.png)