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बड़ीसादड़ी। गुरुदेव धर्म मुनि जी मसा की सुशिष्या
श्रमण संघीय महासती धैर्य प्रभा मसा ने जैन दिवाकर प्रवचन हॉल में आयोजित धर्मसभा में कहा कि प्रथम गणधर इन्द्रभूति से लगाकर आखिरी केवली जंबू स्वामी तक जितने भी केवली हुए हैं उन्होंने एक देशना सुनी, एक प्रवचन सुना और संसार को छोड़कर के मुक्ति के मार्ग पर चल पड़े।
हमने तो हजारों प्रवचन सुन लिए लेकिन अभी तक इस आत्मा को ऐसा कुछ लगा ही नहीं ओर नाही कुछ महसूस हुआ। इसका कारण है हमने धर्म को अभी तक समझा ही नही है। आगे कहा कि हजारों लोगों को वह चीजें नहीं मिली जो आप लोगों को मिली क्या इस बात की आपको खुशी है ।और हजारों लोगों को वह चीजें मिली है जो आपके पास नहीं है तो क्या इस बात का आप को दुख है। अगर ऐसा है तो अभी तक आप की आत्मा ने इस मनुष्य जन्म का ,इस अमूल्य जीवन का महत्व जाना ही नही है।
आगे कहा कि इस शरीर को सजाने के लिए जितना खाने-पीने में नही उससे भी ज्यादा सौंदर्य में खर्च कर रहे हो। लेकिन जो आत्मा मैली हो रही है । उसके लिए अगर कुछ नहीं किया तो वह मेल जिद्दी दाग बनता जाएगा जो बहुत मुश्किल से उतरेगा । इस आत्मा के मेल को उतारने के लिए छोटी-छोटी बातों को आप गृहस्थी में भी रहकर भी कर सकते हैं। जिसमें ओवरटेक मत करो सभी को रास्ता देते चलो अर्थात किसी को नीचे गिरा कर आप आगे बढ़ोगे तो कुदरत आपको और नीचे गिरा देगी।
सामने गाड़ी खड़ी है और आप हॉर्न पर हॉर्न बजाते रहोगे तो भी आपको रास्ता मिलने वाला नहीं है। इसलिए ओवरटेक मत करो। उदार बनो अर्थात किसी जरूरतमंद की मदद करो ।ओर किसी को भी अपने जीवन मे मार्गदर्शन बनाओ।
श्री कृष्ण ने अर्जुन का सिर्फ मार्गदर्शन किया कोई शस्त्र नहीं उठाया। फिर भी अर्जुन ने महाभारत जीत ली। अगर श्रीकृष्ण नहीं होते तो अर्जुन महाभारत नहीं जीत सकते थे। एक मार्गदर्शन हमारे जीवन में भी होना चाहिए जो हमें कुछ भी कहे उसको मान ले। चाहे वह पत्नी, पति, पिता, माता, मित्र, गुरु आदि कोई भी हो सकता है कोई ऐसा गाइड होना चाहिए जो अपने जीवन को एक पहचान दिला सके। शूलीभद्र तो केशी वेश्या के यहां बारह वर्षों तक रहे लेकिन एक दिन ऐसी आत्मा जागी की संयम ले लिया। और संयम लेकर के उसी वेश्या के यहां चातुर्मास करके उसी वेश्या के जीवन को सुधार दिया।
अर्थात इन साबुन रूपी बातो को अपने जीवन मे उतारने से आप अपनी आत्मा का मैल धो सकते हो।
कण्ठ कोकिला साध्वी धृतिप्रभा ,तपस्वी रत्ना धीर प्रभा एवं सरल आत्मा सेवाभावी धार्मिक प्रभा मसा ने सुंदर भजन के साथ अपने विचार रखे। नन्ही बालिका नव्या गांग ओर माही गांग ने स्तवन प्रस्तुत किया।
![RISHABH JAIN](https://secure.gravatar.com/avatar/43bcfdc1a1596e35fd93375e59269415?s=96&r=g&d=https://darshan-news.com/wp-content/plugins/userswp/assets/images/no_profile.png)