जयपुर । पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का अनशन मंगलवार को कुछ अलग हटकर रहा। दरअसल पायलट के इस कदम को पार्टी और सीएम अशोक गहलोत का विरोधी बताया जा रहा था, वहीं निशाने पर थीं वसुंधरा राजे। पायलट और गहलोत की सोशल मीडिया टीमों ने ट्वीटर पर अपने नेताओं को ट्रेंड करवाया। सोशल मीडिया की जंग में पायलट ने सीएम गहलोत को पछाड़ा और बहुत पीछे छोड़ दिया।
पायलट के अनशन पर पूरे देशभर के कांग्रेसियों के अलावा विपक्षी दलों की नजर सचिन पायलट पर लगी रही। राजनीतिक पंडित यह चर्चा करते रहे कि पायलट अलग पार्टी बनायेंगे या आम आदमी पार्टी ज्वाइन करेंगे। लेकिन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के खिलाफ बयान से यह साफ हो गया है कम से कम सचिन पायलट भाजपा तो ज्वाइन नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के एक दिवसीय अनशन से ध्यान हटाने के लिए अखबारों में विज्ञापन दिए हो, लेकिन सोशल मीडिया की ट्रेडिंग में सीएम अशोक गहलोत को बहुत पीछे छोड़ दिया। 11 अप्रैल को शाम 4 बजे तक ट्वीटर ट्रेडिंग रिपोर्ट के मुताबिक सचिन पायलट को ट्विटर पर 43 हजार लोगों ने रीट्विट किया। जबकि सीएम अशोक गहलोत जिनका सोशल मीडिया पर जननायक अशोक गहलोत के नाम पर ट्रेडिंग कर रहा है, सिर्फ 5 हजार लोगों ने ही री-ट्वीट किया। कुल मिलाकर सचिन पायलट मंगलवार को दिनभर सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते रहे। जबकि सीएम अशोक गहलोत सिर्फ अखबारों के विज्ञापनों तक ही सिमट कर रह गए। अनशन खत्म होने के बाद सचिन पायलट ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी ।
आपको बता दे कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिव पायलट के अनशन स्थल पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की ने भी शिरकत की और पायलट के समर्थन में नारेबाजी भी की। वहीं कांग्रेस प्रभारी की चेतावनी की बाजवूद दर्जनों कांग्रेसियों ने अनशल स्थल पर जाकर यह बता दिया कि वह पायलट गुट के साथ है और पायलट के समर्थन में खड़े है ।