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धार्मिक जगहों के पट्टे बांट रहे है लोग:विधायक आक्या का आरोप- बंदरबांट का खेल, जमीनों को करना होगा सुरक्षित

यह चुनावी साल है। दोनों बड़ी-बड़ी पार्टी अपने-अपने दांव पेच खेल रही है। एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अवैध कॉलोनियों के पट्टे जारी करने में कट ऑफ में बड़ी छूट देने की बात की है। वहीं, दूसरी ओर चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने एक बार फिर धार्मिक जगहों और गरीबों के जमीनों के पट्टे बांटने का मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा कि गरीबों और धार्मिक जमीनों को अगर बेचा जाएगा तो सरकार को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने शहरवासियों से वादा करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में इन जमीनों की बाउंड्री वॉल करवा कर इन्हें सुरक्षित कर दिया जाएगा।

प्रदेश के शहरी इलाकों में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कैबिनेट बैठक में यह फैसला किया है। इस पर चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चित्तौड़गढ़ में कोई भी धार्मिक जगह हो या सरकारी जमीन हो, उस पर बंदरबांट का खेल चल रहा है।

चित्तौड़गढ़ शहर या मेरे विधानसभा में ऐसी कई जमीनें हैं, जिन्हें लोग खरीद कर बेच रहे हैं। चाहे वह गरीबों की जमीने हो या धार्मिक। चित्तौड़गढ़ शहर के लक्ष्मीनाथ की जमीनों को भी सब बेच रहे हैं। पहले भी इस तरह के पट्टे कटे हैं और अभी भी कट रहे हैं।

आक्या बोले, धार्मिक जमीनों को करूंगा सुरक्षित
आक्या ने कहा कि मैंने कई बार विधानसभा में इन मुद्दों को उठाया है। हर बार जांच के नाम पर मामले को रफा-दफा कर दिया गया है। जांच कमेटी में भी ऐसे लोगों को जोड़ा है जो खुद इन जमीनों को खरीदने और बेचने के मामले में शामिल है। आगे आने वाले समय में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। जिन्होंने भी धार्मिक जमीनें दी है, उन्हें भुगतना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि मैं शहर वासियों से वादा करता हूं कि प्रदेश में हमारी सरकार बनते ही आगामी दिनों में मैं इन सभी धार्मिक जमीनों की बाउंड्री वॉल बनाकर सबसे पहले इन्हें सुरक्षित करूंगा।

बाहरी राज्यों के अपराधी ले रहे शरण
चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने कहा कि रही बात कानून-व्यवस्था की तो 15 साल पहले जो यूपी-बिहार में होता था, वह अब राजस्थान में होने लगा है। राजस्थान का हाल भी पुरानी यूपी-बिहार जैसा हो गया है। बाहरी राज्यों से अपराधी यहां आकर शरण ले रहे हैं और यहां का माहौल खराब कर रहे हैं।

आश्चर्य की बात तो यह है कि सरकार सबकी धार्मिक भावनाओं के साथ भी खेल रही है। धार्मिक स्थान पर झंडे लगाना मना है, भजन के डीजे बजाना मना है और अगर भजन या धार्मिक गीतों को चलाना भी है तो सरकार से परमिशन लेनी होगी। 6 महीने में चुनाव होना है। जनता सब कुछ देख रही है। यह भी जानता हूं कि पिछली बार जितने वोट मिले थे, शायद इस बार उतने वोट भी ना मिले।

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