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मंहगाई राहत कैंप के बहिष्कार के अन्तर्गत 20 अप्रेल को होगी ग्राम पंचायतों की तालाबंदी

चित्तौड़गढ़। राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों की लम्बित चल रही मांगों को लेकर मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। सरपंच संघ जिलाध्यक्ष गणेश साहू ने बताया कि ग्राम पंचायतों के अधिकारों में लगातार कटौती की जा रही हैं एवं पन्द्रह केंद्रीय वित्त आयोग की राशि एवं राज्य वित्त आयोग 2023-23 की दोनों किश्तें करीबन 4500 करोड़ बकाया है जिसके कारण ग्राम पंचायतों के विकास एवं मुलभुत सुविधाओं से ग्रामीण क्षेत्र का विकास ठप हो रहा है।  जिसके कारण ग्रामीण जनता को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
मनरेगा के अन्तर्गत छडडै के माध्यम से श्रमिकों के नियोजन एवं उपस्थिति दर्ज करने में आ रही समस्याओं के समाधान के संबंध में आॅफलाईन उपस्थिति अनुमत की जावे और 20 कार्याे की स्वीकृत अधिकता पर पांबदी हटाया जाकर पूर्ववर्ती किया जाने का श्रम करावें।
राज्य सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा योजना में वंचित पात्र परिवारों को शीघ्र जोडा जाये एवं राशन कार्ड में संसोधन की सुविधा चालु की जावे ताकि नये पात्र सदस्यों को जोडा जावें। प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र परिवारों की स्वीकृति जारी की जावें त्रुटिवश कटे हुए पात्र परिवारों के नाम को पुनः जोडा जावें तथा जिस प्रकार से विधायक, सांसद को मिलने वाली सभी सुविधा को भी मिलनी चाहिए सरपंचों की मानदेय की 50ः राशि पेंशन के रूप में भुगतान करने का प्रावधान किया जावें। सरपंचों का मानदेय 15000/- किया जावें तथा ग्राम पंचायतों के वार्ड पंचों का बैठक भत्ता 500/- रुपये प्रति बैठक किया जायें।
मनरेगा में मैटेरियल का भुगतान प्रत्येक तीन माह में किया जाए एवं सभी बिलों में मनरेगा प्रावधानों के अनुसार पक्के कार्यों की पर्याप्त स्वीकृतियां जारी की जावे तथा स्वीकृतियां प्रस्ताव प्रेषित करने के 15 दिन की समयावधि जारी की जावै। राज्य वित्त आयेाग की करीबन 3000 करोड़ रुपये राज्य सरकार के पास बकाया है जो ग्राम पंचायतों का मुलभुत अनुदान है। जो ग्राम पंचायतों के खाते में हस्तान्तरित की जावें। केन्द्रिय वित्त आयोग की राशि करीबन 1500 करोड़ बकाया है जो शीघ्र जारी की जायें।
ग्राम पंचायतो की वार्षिक प्लान अनेक पांबदिया लगा रखी है। जिसको हटाकर पूर्व की भांति की जावें। क्डथ्ज् फंड का उपयोग खनिज प्रभावित ग्राम पंचायतों में पूर्व की भांति अनुदान दिय जायें। गांवो के विकास की प्रथम कड़ी ग्राम पंचायतों के अधिकारों में लगातार कटौती की जा रही है जिसके कारण ग्राम पंचायतों की स्थिति बद से बद्तर हो रही हैं
ज्ञापन सौंपते समय रणजीतसिंह भाटी, कन्हैयालाल वैष्णव, ब्लाॅक अध्यक्ष भागचन्द धाकड़, निलेश कुमार बेगूं, प्रकाश जाट कपासन, पारस जैन निम्बाहेड़ा, अम्बालाल गुर्जर बड़ीसादड़ी, नारायण अहीर राशमी, कैलाश कुंवर, कालुसिंह, अजय चैधरी, जशोदा कुमावत, गोपाल सिंह, गोवर्धन लाल सालवी, चांदी बाई, मगनीराम डांगी, देवकरण, भैरू लाल पुरोहित, सुशीला बाई, गंगा बाई, कंकु देवी, मंजु चैपड़ा, गोपाल सिंह इत्यादि कई सरपंच उपस्थित थे।

Sanjay Khabya
Author: Sanjay Khabya

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