कानोड़ (भरत जारोली )। राजपुरा जैन तीर्थ में वर्षीतप पारणा महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को स्नात पूजा, मंगल प्रवचन, शिक्षक शीष्य सम्मान, मेहंदी की रस्म, चौबीसी के आयोजन एवं सायं काल प्रभु की भव्य आरती व भक्ति संध्या के आयोजन हुए।
आचार्य भगवंत निपुण रत्न सुरीश्वर जी महाराज साहब के सानिध्य में आदेश्वर जैन श्वेतांबर तीर्थ राजपुरा कानोड़ में आयोजित तीन दिवसीय वर्षी तप पारणा महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार की प्रातः 8 बजे से विभिन्न गांवों शहरों में संचालित पाठ शालाओं के विद्यार्थियों द्वारा स्नात पूजा कर परमात्मा की भक्ति आराधना की गई। प्रातः 10 बजे आचार्य भगवंत ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए जियो और जीने दो का संदेश दिया एवं कहा कि परमात्मा की भक्ति में लीन व्यक्ति ही परमात्मा को पा सकता है।
दोपहर 2 बजे विभिन्न पाठशालाओं से तीर्थ स्थल पर आए संचालकों शिक्षकों एवं बालक बालिकाओं को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित – बहुमान किया गया । दोपहर 3 बजे से वर्षी तप आराधकों को मेहंदी लगाने की रस्म अदा कर चौबीसी गीतों का आयोजन किया गया। सायंकाल भाग्यशाली भक्तों द्वारा कुमारपाल बनकर परमात्मा की भव्य आरती की गई। आरती के पश्चात संगीतकार त्रिलोक मोदी एवं पार्टी द्वारा भव्य भक्ति संध्या में प्रभु भजनों से वातावरण को भक्तिमय बनाया गया।
भक्ति संध्या में तीर्थ पर पहुंचे लाभार्थियों ने बढ़ चढ़कर भाग लेते हुए धर्म लाभ लिया। जानकारी में बताया गया है कि आदेश्वर तीर्थ प्राचीन होकर 1272 वर्ष पुराना है यहां परमात्मा आदेश्वर जी की सफेद पाषाण निर्मित भव्य मूर्ति की ऊंचाई 71 इंच है। नवनिर्मित शिखर की ऊंचाई 50 फीट होगी। 13000 वर्ग फिट भूभाग पर फैले इस मंदिर के जीर्णोद्धार में गत 13 वर्षों से 35 मूर्तिकार दिन-रात जुटे हुए हैं।
रविवार की प्रात 7:00 बजे वर्षी तप के भाग्यशाली तपस्वीयों का सूरजपोल से वरघोड़ा निकाला जाएगा जो कि 9:00 बजे प्रातः तीर्थ स्थल पर पहुंचेगा एवं तपस्वीयों द्वारा ईक्षुरस से परमात्मा का अभिषेक किया जाएगा । पारणा स्थल पर दो भव्य पंडालों का निर्माण किया गया है जिनमें 2000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है।