हाल ही में उदयपुर के एक गांव में फ्रिज में करंट से पिता और बेटी की मौत हो गई। दरअसल, 16 साल की बच्ची रात को पानी पीने के लिए उठी थी। उसने पानी की बोतल निकालने के लिए जैसे ही फ्रिज को हाथ लगाया, करंट की चपेट में आ गई।
उसकी चीखने की आवाज सुनकर माता-पिता बचाने के लिए दौड़े। दंपती ने बेटी को बचाने के लिए हाथ से छू लिया और वे भी करंट की चपेट में आ गए। बेटी और पिता बाबूलाल पारगी की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, मां को गंभीर हालत में रेफर किया गया।
जांच में सामने आया कि रात को ट्रांसफार्मर में ब्लास्ट हुआ था। इसे आस-पास के 12 घरों में हाईवोल्टेज करंट दौड़ा था। अंदेशा है कि यह हादसा भी इसी कारण हुआ। इस घटना ने हर किसी को चौंका दिया है। मन में कई डरावने सवाल खड़े कर दिए हैं?
- फ्रिज जैसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम में करंट से किसी की मौत कैसे हो सकती है?
- क्या हाई वोल्टेज करंट इस हादसे की वजह था?
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जूस बनाते समय करंट लगने से मौत
सीकर के नीमकाथाना के रामलीला मैदान में 22 सितंबर 2022 को एक जूस बेचने वाले युवक की फ्रिज से करंट लगने से मौत हो गई। हीरानगर में रहने वाला अशोक कुमार सैनी रामलीला मैदान में ट्रांसफार्मर के पास टेंपो में जूस बेचता था। रोज की तरह ट्रांसफार्मर के पास बादाम शेक बेच रहा था। अचानक टेंपो में फ्रिज का कनेक्शन हटाते समय करंट लगने से झुलस गया। उसे अस्पताल में भर्ती में करवाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
फ्रिज से पूरे परिवार को करंट लगा
जयपुर के हरमाड़ा इलाके में रहने वाले मोहम्मद रफीक की 17 मई 2021 की फ्रिज से करंट लगने से मौत हो गई। रफीक ने कुछ सामान निकालने के लिए फ्रिज खोला था। इसी दौरान उसे करंट का झटका लगा। परिवार के चार अन्य लोगों भी उसे बचाने के लिए प्रयास में करंट की चपेट में आ गए। गंभीर रूप से झुलसे रफीक ने दम तोड़ दिया। पुलिस जांच के दौरान पता लगा कि ट्रांसफार्मर में खराबी आ गई थी। इसे कई घरों में बिजली का करंट तेजी से घरों में सप्लाई हुआ।
घरों में फ्रिज से करंट लगने के हादसों के कारण
- हाई वोल्टेज बिजली : घरों में 240 वोल्ट तक बिजली सप्लाई होती है। कई बार ट्रांसफार्मर में खराबी के कारण हाई वोल्टेज बिजली सीधे घरों में सप्लाई हो जाती है, जो फ्रिज जैसे उपकरणों में करंट की वजह बन जाती है।
- टू-पिन का इस्तेमाल : इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड में थ्री पिन की जगह टू पिन यूज करने से करंट लगने की संभावना बढ़ जाती है। टू पिन यूज करते समय अगर कहीं से तार कटा हुआ है तो आपको करंट लग सकता है।
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- प्लास्टिक कवर : फ्रिज की बॉडी पर प्लास्टिक कवर न लगाएं। फ्रिज में कूलिंग करते समय कंप्रेसर से हीट निकलती है। यही वजह है कि फ्रिज की बॉडी का पिछला हिस्सा गर्म रहता है। ऐसे में फ्रिज पर कभी प्लास्टिक कवर नहीं चढ़ाना चाहिए। कवर से फ्रिज की बॉडी का पेंट हट जाता है। गर्मी से कई बार प्लास्टिक कवर भी पिघल जाता है। फ्रिज की बॉडी का पेंट हटने से वायर शॉर्ट होने पर करंट फ्रिज की बॉडी में फ्लो होने लगता है।
- फ्रिज दीवार के नजदीक रखना : फ्रिज को दीवार के ज्यादा नजदीक न रखें। फ्रिज के पीछले हिस्से से हीट निकलती है। ऐसे में दीवार के पास रखने से फ्रिज का पिछले हिस्सा ज्यादा गर्म हो जाता है। गर्मी से कई बार वायरिंग पिघल जाती है या कट लग जाता है, जिससे शॉर्ट सर्किट होने की आशंका रहती है।
फ्रिज खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान
लेदर बॉडी का फ्रिज
पहले फ्रिज की बॉडी पर पेंट किया होता था। पेंट से शॉर्ट सर्किट होने पर भी करंट नहीं लगता था, लेकिन कुछ समय बाद ही यह पेंट कई जगहों से हट जाता था। ऐसे में फ्रिज में करंट सप्लाई होने पर बॉडी को छूते ही करंट लग जाता था।
अब कई कंपनी लेदर बॉडी के फ्रिज बना रही हैं। फ्रिज की पूरी बॉडी पर लेदर रहता है। ऐसे में फ्रिज में वायर शॉर्ट भी हो तो लेदर के कारण आपको करंट का झटका नहीं लगेगा।
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20 साल वारंटी के कंप्रेसर
पुराने फ्रिज के कंप्रेसर नॉर्मल आते थे। कई बार इसमें फाल्ट आ जाते थे। इसके साथ ही कम्प्रेसर आवाज भी ज्यादा करते थे। फ्रिज में कूलिंग कम होने पर फिर से स्टार्ट होते थे। कंप्रेसर के बंद और स्टार्ट होने की आवाज सुनाई देती थी। यह बिजली की खपत भी ज्यादा करते थे, लेकिन अब नए फ्रिज में 20 साल वारंटी के डिजिटल इन्वर्टर कंप्रेसर आ रहे हैं। नए कम्प्रेसर .1 डिग्री के वेरिएशन से काम करते हैं। 7 वेरिएशन में कूलिंग को मेंटेन करते हुए आवाज भी नहीं करते है। इसे बिजली की खपत भी कम होती है। इसके साथ अब फ्रिज में स्टेबलाइजर भी इन बिल्ट आते हैं। पहले स्टेब्लाइजर को अलग से लगाना पड़ता था।
अब समझिए- कैसे टाल सकते हैं हादसे की आशंका…
अर्थिंग से हाई वोल्टेज करंट सीधे जमीन में
हाई वोल्टेज करंट सप्लाई वाले हादसों से बचने के लिए घरों में अर्थिंग होना जरूरी है। इससे हाई वोल्टेज करंट सीधे जमीन में सप्लाई हो जाता है। घरों में बिजली सप्लाई के कनेक्शन के समय अर्थिंग लगाना जरूरी है। कई घरों में अर्थिंग नहीं लगाने के कारण हाई वोल्टेज बिजली सप्लाई होने पर इलेक्ट्रॉनिक आइटम जल जाते हैं। अर्थिंग दो प्रकार से लगा सकते है। डायरेक्ट अर्थिंग सिस्टम और दूसरा इनडायरेक्ट अर्थिंग सिस्टम है। डायरेक्ट अर्थिंग सिस्टम में इलेक्ट्रोड को सीधे ही जमीन में गाड़ देते है। इसे घरों में लगने वाले इलेक्ट्रोनिक आइटम को अर्थ करने के लिए लगाया जाता है। वहीं, इन डायरेक्ट अर्थिंग सिस्टम ट्रांसफार्मर और जनरेटर को अर्थ करने के लिए काम में ली जाती है।