कानोड़ (भरत जारोली)। कभी मेवाड़ क्षेत्र में कानोड के कमल के फूल के लिए प्रसिद्ध रहा नगर का कमल वाला तालाब इन दिनों अपनी दुर्दशा पर जार जार है।
नगर के पूर्व ठिकानेदारों ने कानोड़ राजपुरा गढ सहित आसपास के क्षेत्र के वाशिंदों के नहाने कपड़े धोने एवं सिंचाई करने के साथ ही कमल की खेती के लिए इस तालाब का निर्माण कराया था। करीब ढाई दशक पूर्व यह तालाब पानी से लबालब भरा रहने के साथ ही कमल के फूलों की खुशबू बिखेरा करता था, किंतु वर्तमान में वर्षा काल में भी यह तालाब पानी से नहीं भर पाता है एवं रीता ही रह जाता है। इस तालाब में पानी की आवक के सभी रास्तों पर अतिक्रमण करने के साथ ही निर्माण कार्य कर लिए गए हैं जिससे पानी की आवक के सभी रास्ते बंद हो चुके हैं। पूर्व पालिका बोर्ड ने इस तालाब के सौंदर्यीकरण करने के लिए पाल पर इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाई व पाल पर रात्रि में उजाले के लिए लाइटें भी लगवाई जिससे इस तालाब की खूबसूरती में चार चांद लगे किंतु किसी भी बोर्ड ने इस तालाब में पानी भरे जाने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाया। जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों से इस तालाब को पानी से भरने वाली गोडो का खेड़ा वाली नहर को पक्का बनवाने के साथ ही पानी की आवक के रास्तों से सफाई एवं अतिक्रमण हटाने की मांग की गई किंतु नतीजा सीपर ही रहा।