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पुस्तक ज्ञान के साथ जब तक आध्यात्मिक संस्कार समाविष्ट नहीं किया जाएगा ज्ञान भी जीवन में विकास के स्थान पर विनाश का काम करेगा-कमल मूनि

रिंगनोद (मध्यप्रदेश)। पुस्तक ज्ञान के साथ जब तक आध्यात्मिक संस्कार समाविष्ट नहीं किया जाएगा ज्ञान भी जीवन में विकास के स्थान पर विनाश का काम करेगा उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने संबोधित करते कहा कि तनाव टकरा विवादअशांति विकृतियों का मूल कारण अच्छे संस्कारों की कमी।


उन्होंने कहा कि पैतृक संस्कार सबसे महान होते हैं उसमें भी गर्भ में जो संस्कार प्राप्त होते हैं वह अमिट और अनमोल होते हैं तथा ऑक्सीजन की भांति काम करते हैं।


मुनि कमलेश ने बताया कि वह माता-पिता संतान के शत्रु हैं जो उनके सामने बुराइयां और व्यसन का सेवन करते हैं। राष्ट्रसंत ने कहा कि पुत्र सपूत हुआ तो परिवार और देश का भविष्य उज्जवल होगा और पुत्र कपूत हो गया धन इज्जत सब मिट्टी में मिला देगा।


जैन संत ने बताया कि हमारे आचार विचार और व्यवहार आसपास का माहौल मैं जब तक पवित्रता नहीं आएगी तब तक चरित्र के गुणों का विकास होना असंभव है।
13 मई को कमल मुनि कमलेश घनश्याम मुनि अक्षत मुनि कौशल मुनि अष्टापद तीर्थ 14 मई को ताल पधारने की संभावना है।

RISHABH JAIN
Author: RISHABH JAIN

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