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सूदखोरों से परेशान होकर सुसाइड की कोशिश:पीड़ित युवक ने 3 महीने में 2 बार कोशिश की, लोन ब्याज समेत चुका फिर भी किया जा रहा परेशान

उदयपुर में फाइनेंस कंपनियों और सूदखोरों के आतंक से परेशान होकर एलएलबी सेकेंड ईयर के स्टूडेंट ने 3 महीने में दो बार सुसाइड का प्रयास किया है। दोनों बार परिजनों द्वारा सही समय पर अस्पताल पहुंच जाने से उसकी जान बचा ली गई। ग्लोबल फाइनेंस कंपनी में काम करने वाले उन्हीं के कर्मचारी सेक्टर 14 निवासी रौनक जैन ने उसी कम्पनी से पहले 50 हज़ार का लोन लिया था। इसके एवज में उन्होंने 60 हज़ार रुपए ब्याज समेत चुका दिए गए। इसके बावजूद उसे परेशान किया जा रहा हैं।

पीड़ित रौनक ने बताया- उसके बाद उन्होंने अपनी मां के नाम पर 1 लाख रुपए का एक ओर लोन लिया था, जिसे ब्याज समेत चुका दिया है। दोनों लोन क्लीयर होने के बावजूद भी कंपनी उनसे ढाई लाख रुपए से अधिक पैसा मांग रही है। इसी मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर रौनक ने 30 दिसंबर को जहर खा लिया था। डॉक्टर ने उन्हें बचा लिया। उसके बाद भी ब्याजखोरों का आतंक कम नहीं हुआ। उसे लगातार परेशान करते रहे। इसके चलते 4 दिन पहले रोनक में एक बार फिर सुसाइड का प्रयास किया, जिसका एमबी अस्पताल में इलाज जारी है। पीड़ित रौनक ने बताया कि पहले उसने ग्लोबल फाइनेंस कम्पनी के दोनों मालिकों द्वारा कि गई धोखाधड़ी के बाद उन्होंने एसपी से भी गुहार लगाई थी और एपी के आदेशों के बाद गोवेर्धन विलास थाने में मामला भी दर्ज हुआ लेकिन पुलिसकर्मियों कि मिलीभगत से उनपर लगातार कोम्प्रोमाईज़ करने का दबाव बनाया गया, ऐसे में अब रौनक ने कोर्ट में इस्तगासा पेश करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

रौनक ने बताया- वह खुद अपेक्षा कॉन्प्लेक्स स्थित ग्लोबल फाइनेंस कंपनी में काम करता है और अपनी ही कंपनी से उसने पहले 50 हज़ार और बाद में मां के नाम पर 1 लाख रुपये का लोन लिया, जिसे समय रहते ब्याज समेत चुका दिया जिसकी सारी एंट्री भी उसके पास है। सारा पैसा ब्याज समेत चुकाने के बाद भी कंपनी के मालिक रमेश चंद्र औदीच्य और रणजीत चौहान उससे लगातार पैसों के लिए परेशान कर रहे हैं। पैसे नहीं देने पर उन्होंने कंपनी में चोरी करने का एग्जाम लगाते हुए उस पर मुकदमा भी दर्ज करवाया दिया।

पीड़ित ने बताया कि कंपनी के दोनों मालिकों ने उस पर 70 हज़ार रुपये की चोरी करने का इल्जाम लगाया था लेकिन अगर पुलिस कंपनी की एप्लीकेशन और रजिस्टर चेक करें तो सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा क्योंकि इनके रजिस्टर में कहीं भी 20 हज़ार से अधिक का कलेक्शन ही नहीं है। ऐसे में जो आरोप उन पर लगाया गया है। वे बेबुनियाद है। रौनक ने कहा कि वे एलएलबी सेकंड ईयर के छात्र हैं और ब्याज चोरों के चंगुल में फंस चुके हैं। ऐसे में वह लगातार डिप्रेशन में जा रहे हैं और इसी वजह से दो बार आत्महत्या का प्रयास कर चुके हैं।

Darshan-News
Author: Darshan-News

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