उदयपुर में कल शाम को बजरंग दल से जुड़े पदाधिकारी की गोली मारकर हत्या करने के मामले में विवाद दूसरे दिन 7 घंटे तक भजारी रहा। दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ परिजन शव लेने से इनकार करते रहे। पोस्टमार्टम के लिए सहमत नहीं हुए। हिंदू संगठनों से जुड़े कई पदाधिकारी मोर्चरी के बाहर जमा हुए। मृतक के परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की। दोपहर 3 बजे समझाइश के बाद परिजन शव लेने को राजी हुए। इसके बाद पोस्टमार्टम के बाद तुरंत शव परिजनों को सौंप दिया गया।
दरअसल इस मामले में अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने पर परिजनों ने पुलिस के खिलाफ भी आक्रोश जताया। परिजनों ने पुलिस अधिकारियों पर भी मृतक राजू उर्फ राजेन्द्र को अपराधी घोषित करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को जमकर खरी-खोटी सुनाई। इस मामले में पुलिस की लगातार तीन टीमें दबिश देकर दोनों आरोपी की तलाश कर रही है।
वहीं, एमबी हॉस्पिटल में दोपहर तक परिजनों से पुलिस और प्रशासन से जुड़े अधिकारी समझाइश करते रहे। विश्व हिंदू परिषद से जुड़े पदाधिकारियों ने कहा कि राजू परमार हिंदू संगठनों के लिए कार्य करने वाला एक बेहतरीन कार्य करता था, ऐसे में उसे जान बूझकर टारगेट किया गया। परिजनों ने कहा राजू का किसी से प्रोपर्टी विवाद नहीं था।
इस मौके पर हिन्दू संघठनो के पदाधिकारियों ने पुलिस से मृतक को हिस्ट्रीशीटर कहने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस ने आज शाम तक दोनों आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया तो कल उदयपुर बंद करवाया जाएगा। पदाधिकारियों ने कल उदयपुर बंद का आह्वान किया। एएसपी चंद्रशील ठाकुर, मंजीत सिंह, डीएसपी शिप्रा राजावत, भूपेंद्र सिंह समेत आधा दर्जन से ज्यादा थानाधिकारी मौजूद रहे।
परिजनों की मौजूदगी में हिन्दू संघठनो के पदाधिकारियों ने मृतक के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग की। इस पर नायाब तहसीलदार सुरेश ने जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा से बातचीत कर प्रशासन की तरफ प्रस्ताव पर सहमति बनी।
आपको बता दें कि सोमवार शाम को अंबामाता थाना इलाके में दुकान के बाहर बजरंग दल से जुड़े पदाधिकारी राजू परमार (38) की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राजू का कई लोगों से जमीन विवाद भी चल रहा था। कहा जा रहा है कि एक हिस्ट्रीशीटर के इशारे पर उसके दो गुर्गों ने राजू की जमीन विवाद के चलते हत्या की थी।
जानकारी के अनुसार 38 साल का राजू उर्फ राजेन्द्र परमार बजरंग दल में जिला संयोजक रह चुका है। वह प्रॉपर्टी व्यवसायी था। जिसके कारण कई लोगों से विवाद चल रहा था। सूचना पर बड़ी तादाद में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी अस्पताल पहुंच गए। ASP चंद्रशील ठाकुर समेत कई पुलिस अधिकारी भी हॉस्पिटल पहुंचे।
गोली मारने वाले बदमाश कौन थे और हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज चेक किए। फुटेज में दो युवक पैदल भागते नजर आ रहे थे। आशंका है कि इन युवकों ने ही राजू के गोली मारी है।
बताया जा रहा है कि गोली मारने वाले बदमाश पैदल ही परमार के पास आए थे। दोनों ने नजदीक से सिर में दो गोली मारी। पास में ही बिंदौरी निकलने से लोग गोली की आवाज नहीं सुन सके। थोड़ी देर बाद उधर से गुजर रहे लोगों को परमार सड़क पर अचेत मिला।
पहले से था फायरिंग का अंदेशा
राजू की गोवंश बचाने के साथ ही हिंदू संगठन के प्रमुख पदाधिकारी के रूप में उसकी पहचान थी। राजू को अपने ऊपर फायरिंग होने का अंदेशा पहले से था। इसी वजह से वह कुछ दिनों से अकेला निकलने से बच रहा था।
जेल में बंद हिस्ट्रीशीटर पर हत्या का शक
मृतक राजू का हिस्ट्रीशीटर दिलीप नाथ के साथ कालीवास गांव में जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। फिलहाल दिलीप नाथ तो सेंट्रल जेल में है। कहा जा रहा है कि दिलीप नाथ ने अपने गुर्गों से कह कर यह हत्या करवाई है।