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डेढ़ सौ फिल्मों के साथ अभिनय की चलती फिरती पाठशाला हैं विनोद मिश्रा

डेढ़ सौ फिल्मों के साथ अभिनय की चलती फिरती पाठशाला हैं विनोद मिश्रा कहते हैं कि
करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान .!
रसरी आवत जात ते शील पर परत निशान ।
यह लोकोक्ति विनोद मिश्रा के ऊपर बिल्कुल ही सटीक बैठती है । यदि यह कहा जाए कि विनोद मिश्रा भोजपुरी फिल्मों के एक मल्टीटैलेंटेड व्यक्तित्व के धनी अभिनेता हैं तो कोई बड़ी बात नहीं है । बिहार के सिवान जिले के रहने वाले विनोद मिश्रा एक बेहतरीन अभिनेता के साथ साथ बेहतरीन लोकगायक भी हैं । टी-सीरीज जैसे कंपनी से उनके कई भक्ति व लोकगीत के म्यूज़िक एलबम भी मार्केट में आ चुके हैं । उन्होंने अपने सुर और अभिनय की छाप से भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्री को गुलज़ार कर रखा है । उनकी सुर पर पकड़ देखकर कई म्यूज़िक डायरेक्टर अब उनसे फिल्मों में गीत भी गवा रहे हैं , और अभी कुछ फिल्मों में आपको उनकी आवाज़ में गीत भी सुनने को मिलेगा ।
अभिनय के शुरुआती दिनों में विनोद मिश्रा ने सँघर्ष का वो दौर भी देखा है जब वो मुम्बई छोड़कर जाने का मन बना चुके थे , लेकिन वो कहते हैं न कि जब आपको बहुत सफल होना होता है तो ये प्रकृति भी आपका तगड़ा इम्तिहान लेती है । और इस इम्तिहान में विनोद मिश्रा प्रथम श्रेणी से भी अच्छे अंकों के साथ सफल सिद्ध हुए । और आलम यह है कि शायद ही कोई भोजपुरी फ़िल्म होगी जिसमें आपको विनोद मिश्रा ना दिखाई दें । विनोद मिश्रा ने पिछले डेढ़ दशक में अभिनय के हर रंग को बेहतरीन अंदाज़ में जिया है और अभी भी लगातार जी रहे हैं । उन्होंने अब तक लगभग डेढ़ सौ भोजपुरी फिल्में व कई टीवी सीरियल में भी अपनी अदाकारी का जलवा बिखेर चुके हैं । विनोद मिश्रा ने शक्तिमान जैसे प्रतिस्ठित टीवी शो और बालाजी टेलीफिल्म्स के धारावाहिकों में भी काम किया हुआ है ।
आज के समय मे अपनी सफलता पर भी विनोद मिश्रा घमंड नहीं करते और बेहद सादगी से कहते हैं कि यह तो उनके चाहने वालों परिवार और मातारानी का आशीर्वाद है कि आज वे इतने सफल हो सके और लोगों के बीच अब किसी परिचय के मोहताज़ नहीं रहे । मिश्रा जी कहते हैं कि डोली सजा के रखना उनके फ़िल्मी कैरियर की टर्निंग प्वाइंट वाली फिल्म रही । उस फ़िल्म के बाद से लोगों ने उन्हें गम्भीरता से लेना शुरू कर दिया और आज तो आलम यह है कि उन्हें फिल्में भी चुनचुनकर करनी पड़ रही है । क्योंकि एक के बाद एक फिल्में लगातार रहने के कारण सबको समय नहीं दे पा रहे । अभी भी उनकी अभिनीत लगभग 25 फिल्में पोस्ट प्रोडक्शन में लगी हुई हैं । अभी उनकी कुछ चुनिंदा फिल्में शीघ्र ही आने वाली हैं जिनमे कुछ का नाम उन्होंने बताया कि पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई में एक शानदार रोल के साथ बाबूजी के चाहीं दुलहिनिया और पुकार Revenge of A Father में वे मुख्य भूमिका में नज़र आने वाले हैं । इस सफलता का सारा श्रेय वे दर्शकों व अपने चाहने वालों को देते हुए कहते हैं कि निरन्तर प्रयास से सफ़लता मिल ही जाती है । आख़िर में हम भी कहेंगे कि जैसे इनके दिन फिरे वैसे ही सबके दिन फिरे । विनोद मिश्रा खेशारी लाल यादव और पवन सिंह  की कई फिल्मो मे पिता का किरदार कर चुके  है .

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