IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच नागपुर में खेला जा रहा है। इस मैच में भारतीय टीम ने मजबूत पकड़ बनाए रखी है। टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी में शानदार गेंदबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम को 177 रनों पर ही ऑलआउट कर दिया। इस कारनामे के सबसे बड़े हीरो रविंद्र जडेजा रहे। जडेजा ने इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के मिडिल ऑर्डर को तहस-नहस करते हुए कुल पांच विकेट हासिल किए। भारत की ओर में इस मैच में सबसे सफल गेंदबाज रहे जडेजा ने काफी सधी हुई गेंदबाजी की और 22 ओवर में सिर्फ 47 रन दिए। जडेजा इस मैच के बाद अपनी सफल गेंदबाजी के उपर से पर्दा हटाया।
जडेजा ने लगाया दिमाग
जडेजा ने इस मैच के बाद बताया कि उन्होंने किस चतुराई के साथ ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को आउट किया। दरअसल इस मैच के पहले दिन स्पिन गेंदबाजों को टर्न हासिल करने में काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। जडेजा ने जब यह देखा तो उन्होंने अपनी बुद्धि से और क्रीज का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया ताकि वे बल्लेबाजों को चकमा दे सकें। जडेजा ने पहले दिन के खेल के बाद कहा, यह टर्निंग पिच नहीं थी। दूसरी पिचों की तुलना में यह धीमी थी और उछाल भी कम थी। जैसे जैसे खेल आगे बढ़ेगा, इस पर लक्ष्य का पीछा करना मुश्किल होगा लेकिन टेस्ट क्रिकेट में ऐसा ही होता है। मैंने क्रीज का इस्तेमाल किया क्योंकि हर गेंद टर्न नहीं हो रही थी। उछाल भी धीमी थी तो मैने बल्लेबाजों को दुविधा में डाला।
लाबुशेन और स्मिथ को फंसाया
उन्होंने आगे कहा कि मैं क्रीज से बाहर की तरफ निकलकर और स्टम्प के पास गेंद डाल रहा था। ऐसे में बल्लेबाज के बाहर निकलकर खेलने पर विकेट मिलने की संभावना रहती है। लाबुशेन और स्मिथ ने यही गलती की। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा यह थी कि आस्ट्रेलियाई इसी गफलत में रहें कि कौन सी गेंद टर्न होती और कौन सी सीधी पड़ेगी। विकेट से स्वाभाविक विविधता मिल रही थी लेकिन मैने भी अलग अलग कोण आजमाया।
साझेदारी तोड़ने की थी मंशा
पिछले महीने जडेजा ने रणजी ट्रॉफी मैच में तमिलनाडु के खिलाफ सौराष्ट्र के लिए खेलकर दूसरी पारी के सात विकेट लिए थे। उन्होंने कहा कि मैंने आज अच्छी लय से गेंदबाजी की। गेंद मेरे हाथ में अच्छे से आ रही थी और लैंग्थ भी सटीक थी। मैंने स्टंप पर गेंदबाजी की कोशिश की। जडेजा ने कहा कि वह स्मिथ और लाबुशेन की साझेदारी तोड़ना चाह रहे थे। उन्होंने कहा कि वे रन बनाने की कोशिश में थे और स्ट्राइक रोटेट करना आसान नहीं था। वे अलग अलग चीजें आजमा रहे थे। पिच से टर्न मिल नहीं रही थी और मुझे अनुशासित गेंदबाजी करनी थी ताकि इस साझेदारी को तोड़ सकूं।
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