इंदौर। आग से आग को नहीं बुझाया सकता वैसे ही नफरत को नफरत से तीन काल में भी समाप्त नहीं किया जा सकता। उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने उषा नगर जैन स्थानक में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि नफरत जिसके लिए हमारे मन में आती है उससे उसका नुकसान हो या ना हो लेकिन उस ज्वाला में करुणा सद्भाव प्रेम सभी सद्गगुण जलकर नष्ट हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म नफरत अपनाने की इजाजत नहीं देता है यह अपने आप में अधर्म पाप और दुर्गति की प्रदाता है शारीरिक मानसिक रोगों का शिकार हो जाता है।
मुनि कमलेश ने बताया कि नफरत परमाणु बम से भी खतरनाक है परमाणु हमले से बचा जा सकता है लेकिन नफरत के हमले से नहीं पूरे विश्व को तबाह कर सकती है। राष्ट्रसंत ने कहा कि धार्मिक आत्मा भी जब नफरत की शिकार बन जाती है तो राक्षस और शैतान और हैवान बन जाती है। जैन संत ने कहा कि प्रेम करने वाले के साथ नफरत करता है वह नराधम है और नफरत करने वाले के साथ प्रेम करता है वह धरती पर चलता फिरता तीर्थ है नफरत को प्रेम के द्वारा ही जीता जा सकता है और कोई भी साधन विज्ञान सरकार एवं डॉक्टर के पास नहीं है श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता नेमीचंद आ चलिया एवं संचेती संतों का स्वागत किया।
शुक्रवार प्रात 9:00 बजे समाजवादी नगर जैन स्थानक में प्रवचन होंगे।