बड़ीसादड़ी। अखिल भारतीय साहित्य परिषद बड़ीसादड़ी द्वारा आयोजित गुरुपूर्णिमा पर्व के उपलक्ष्य में गत शाम को काव्यगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया। माँ सरस्वती को दीप प्रज्वलन एवं ईश वंदना के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व ज़िला शिक्षा अधिकारी योगेश चंद्र जानी ने की। मुख्य अतिथि साहित्य परिषद के प्रांतीय अधिकारी एवं राष्ट्रीय कवि बालमुकुण्द भट्ट रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में हिन्दी उपन्यासकार एवं कहानीकार रतनलाल मेनरिया ‘नीर’ पूर्व प्रधानाचार्य मेधा पालीवाल, हीरालाल मेनारिया, योगेन्द्र आमेटा ज्वाला उपस्थित रहे ।
परिषद अध्यक्ष कृष्णार्जुन पार्थभक्ति ने परिषद के वार्षिक कार्यो का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए ‘घट घट में बसते है राम’ कविता पाठ किया।
हीरालाल मेनारिया ने गुरुमहीमा की आध्यात्मिक दृष्टि से व्याख्या की।
रुद्राक्ष चौबीसा ने जयमल फत्ता पर ओजस्वी काव्यपाठ किया तत्पश्चात् उपन्यासकार एवं परिषद के प्रांतीय सयुंक्त मंत्री रतन लाल मेनारिया ने सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए नई पीढ़ियो को प्रेरणा देते हुए परिषद की बड़ीसादड़ी इकाई के कार्यों की तारीफ़ की।
योगेन्द्र ज्वाला ने ‘राणा रो मान बचावे या केसरिया पगड़ी’ कविता पाठ किया।
मुख्य अतिथि एवं कवि बालमुकुंद भट्ट ने गुरु महीमा का बखान करते हुए महाराणा प्रताप और राजस्थान के शौर्य पर ‘मातृभूमि की आन बान का सबको स्वाभिमानमान रहे’ कविता पाठ किया।
योगेश चंद्र जानी ने गुरु का शिष्य के जीवन में कितना महत्व होता है और उसका जीवन कितना बदल सकता है उदाहरण देकर व्याख्या की एवं साथ बालिकाओं के साहित्य के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए ‘माँ पर कविता’ लिखने का आह्वान किया और पुरस्कार स्वरूप एक हज़ार रुपये देने की घोषणा की ।
कार्यक्रम में परिषद के संरक्षक पंकज डाँगी, अरुण कंठालिया, किशनलाल मेनारिया, सचिव बालमुकुंद जोशी, कोषाध्यक्ष सुनील मेहता “कान्हा” पत्रकार प्रदीप वैष्णव सहित अन्य पदाधिकारी प्रह्लाद टेलर, ओम प्रकाश जणवा,निलेश सर्राफ़, मीनू स्वर्णकार, गोपाल टेलर, आयुष जैन, रुद्राक्ष चौबीसा, हकीम बोहरा एवं सदस्य उपस्थित थ। कार्यक्रम का आभार एवं संचालन कवि नंद किशोर अखिलेश ने किया।