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जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों पर राजस्थान कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा विधानसभा चुनावों के लिए एक बैठक बुलाई गई थी। पिछले 25 सालों से राज्य में एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस का जो चलन चल रहा है इसे खत्म करने के लिए बहुत ही सार्थक व्यापक और महत्वपूर्ण चर्चा हुई है। सभी ने विश्वास व्यक्त किया है कि हम अपनी सरकार को रिपीट कर सकते हैं।
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा आज इस बैठक में सीएम और पीसीसी चीफ समेत राजस्थान कांग्रेस के 29 नेता शामिल हुए. सभी नेताओं ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि कांग्रेस राजस्थान चुनाव जीत सकती है, बशर्ते राजस्थान कांग्रेस में एकजुटता हो. आज सभी नेताओं ने एकजुट होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया. जीतने की क्षमता के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा. उम्मीदवारों की सूची सितंबर के पहले सप्ताह में घोषित की जाएगी।
पेपर लीक के आरोपियों के लिए आजीवन कारावास का विधेयक लाने की सीएम गहलोत की हालिया घोषणा को पायलट की मांग को स्वीकार करने के रूप में भी देखा जा रहा है। पायलट ने पेपर लीक मामलों में सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
सरकार के खिलाफ बगावत को हथियार बनाने वाले पायलट क्या राज्य की राजनीति में सक्रिय होंगे या फिर कांग्रेस में राष्ट्रीय नेता बनेंगे, यह लाख टके का सवाल है।
कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद पार्टी नेतृत्व के हौंसले बुलंद हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि नेतृत्व पायलट पर बिना किसी दबाव के फैसला ले सकता है। इन सवालों पर चर्चा हो रही है कि कांग्रेस में पायलट की भूमिका क्या होगी? क्या वो मुख्यमंत्री बनेंगे… क्या वो उपमुख्यमंत्री बनेंगे या फिर उन्हें कोई और जिम्मेदारी दी जाएगी।
राजस्थान की राजनीति में मुख्य रूप से चार जातियों का दबदबा है और फिर इन्हीं जातियों का समीकरण राज्य में हर पांच साल में होने वाले चुनावों को हार-जीत में बदल देता है।
राज्य में 9 प्रतिशत आबादी वाले जाट सबसे मजबूत हैं, इसके बाद मीना हैं जो 7 प्रतिशत हैं, राजपूत 6 प्रतिशत हैं और गुज्जर 5 प्रतिशत।(आईएएनएस)
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