- बहुओं और पोती की जान बचाने खामोश रहा
भास्कर संवाददाता | बेगूं
राजगढ़ सरपंच के पैतृक महेसरा गांव में शुक्रवार रात को बदमाशों ने लूट को अंजाम दिया। पडौसी के घर से सरपंच के घर में घुसे बदमाशों ने कमरे में रखी अलमारी का ताला तोड़कर करीब 3 लाख रुपए की नगदी, 8 तोला सोना और 1 किलो चांदी के जेवरात लूटे। सरपंच ने बदमाशों को पकड़ने की कोशिश की तो धारदार हथियार से हमला कर घायल कर दिया। लुटेरों ने महिलाओं को भी धमकाया।
महेसरा गांव में राजगढ़ सरपंच कैलाश चन्द्र प्रजापत के घर शुक्रवार रात करीब 2 बजे बदमाशों ने वारदात की। पडौसी की घर की दीवार से लुटेरे प्रजापत के घर में घुसे। जिस कमरे में नगदी और जेवरात थे उसका गेट खुला हुआ था। इस कमरे में सरपंच की दोनों बहुएं और एक पोती सो रही थी। सरपंच दंपती दूसरे कमरे में सो रहे थे। बदमाशों ने सरपंच के कमरे पर कुंदी लगाया अंदर बंद कर दिया। सामने के कमरे में आलमारी का ताला तोड़कर सोने के 2 मंगलसूत्र, लॉकेट, कर्णफूल, 2 हार, 2 टॉप्स, 2 झूमरी, 2 रखड़ी, चांदी के 2 पायजेब, 2 कमरबंद ले गए। जाग होने पर सरपंच चोरों को पकड़ने लगे तो एक बदमाश ने धारदार हथियार से जान लेवा हमला कर दिया। लहुलुहान हालत में घायल सरपंच को पारसोली सीएचसी में भर्ती कराया गया। सूचना पर बड़ी संख्या में गांव और आसपास के लोगों सहित डीएसपी झाबरमल यादव, पारसोली थानाधिकारी महेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। घटना के विरोध में ग्रामीण पारसोली थाने में पहुंचे और बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।
राजगढ़ सरपंच गांव महेसरा निवासी कैलाशचंद प्रजापत ने बताया कि जिस कमरे में मैं सो रहा था उसके दो गेट है। बाहर मेन गेट की तरफ खुलने वाले गेट का बदमाशों को पता नहीं था। कमरे में अंदर का गेट बंद उन्होंने बंद कर दिया। कमरे के अंदर का गेट खोलने लगा जो बंद मिला। दूसरा गेट खोलकर मेन गेट पर पहुंचा। कुछ क्षण सोचा कि में गेट बंद कर दिया जाए तो लुटेरों को पकड़ा जा सकता है। रोशनदान से देखा तो बहुओं को बदमाश धमका रहे थे । हल्ला करता तो बदमाश उनपर हमला कर देते। दोनों बहुओं और मेरी पोती की जान खतरे में थी। इसलिए मैं खामोश रहा। जैसे ही लूट के सामान का थेला लेकर भागे मैं गेट के पास खड़ा होकर चिल्लाया। गेट के पास खड़े बदमाश ने धारदार हथियार की सिर में मारी। करीब 6-7 बदमाश थे। जिनका मुंह ढंका हुआ था।