निंबाहेड़ा में हज़रत केली वाले बाबा साहब के चार दिवसीय सालाना उर्स का समापन कुल की रस्म अदायगी के साथ हुआ। इस मौके पर उर्स कमेटी की और से सभी अतिथियों का साफा बंधवाकर माल्यार्पण कर इस्तकबाल किया गया। सभी कमेटी मेंबरान की ओर से दरगाह पर अकीदत की चादर एवं गुलाब के फूल पेश कर देश में अमन चैन खुशहाली की दुआ मांगी। महफिले रंग में कव्वाल सलीम अल्ताफ और चांद अकरम वारसी ने मिलकर मोरे अंगना मोइनुद्दीन आयोरे, जिसको देखो वो दीवाना लगता है, केली वाले बाबा का दीवाना लगता है, उर्से केली वाले बाबा मुबारक हो के नारो के साथ उर्स का समापन हुआ।
हज़रत केली वाले बाबा उर्स कमेटी के सदर भूरू जागीरदार ने बताया कि उर्स के समापन में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से तशरीफ लाए हिंदुस्तान के मशहूर कव्वाल चांद अकरम वारसी एवं मध्यप्रदेश के गुलशनाबाद/जावरा से तशरीफ लाए सलीम अल्ताफ ने अपने कलाम पेश कर खूब दाद बटोरी।
आख़िर में दोनो कव्वालों ने मिलकर कुल कि मेहफील में तूतीऐ हिन्द हज़रत अमीर खुसरो द्वारा 800 साल पूर्व रचित आज रंग है री माँ, रंग है री पढ़ा तो पूरी महफिल मे बैठे आशिके रसूल झूम उठे। इस मौके पर उर्स में आए जनप्रतिनिधियों, अतिथियों, अंजुमन सदर, उर्स कमेटी के पदाधिकारीयों एवं अकीदतमंदो ने दिल खोल कर कव्वालो को ईनाम का नजराना पेश किया।
रंग की महफिल में कपासन से आई हुई मलंगों की टोली ने अपने हैरत अंगेज कारनामों का प्रदर्शन किया। उसके बाद सभी जायरीनों को कुल का छींटा लगा कर कुल की रस्म अदा की गई।
जिसमें नगर पालिका अध्यक्ष सुभाषचंद्र शारदा, उपाध्यक्ष परवेज अहमद शिब्बी, पार्षद रविप्रकाश सोनी, जावेद खान, मुफीद मेव, शमशु कमर, अंजुमने इस्लाम कमेटी के सदर शोएब खान लाला, कपासन अंजुमन सदर गुड्डू खान, सेकेट्री असलम अली, प्रवक्ता गुड्डू खान, जिला वक्फ कमेटी के मजहर हुसैन समेत कई लोग मौजूद रहे।